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LockDown in UP Day-11 : लॉकडाउन में बच्चे को गोद में लेकर बहू ने सास की अर्थी को दिया कंधा, फिर दी मुखाग्नि

LockDown in UP Day-11 देशभर में लॉकडाउन के बीच देवरिया में एक बहू ने अपनी सास की अर्थी को कंधा दिया और उनकी चिता को मुखाग्नि भी दी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 05:48 PM (IST)Updated: Sat, 04 Apr 2020 05:48 PM (IST)
LockDown in UP Day-11 : लॉकडाउन में बच्चे को गोद में लेकर बहू ने सास की अर्थी को दिया कंधा, फिर दी मुखाग्नि
LockDown in UP Day-11 : लॉकडाउन में बच्चे को गोद में लेकर बहू ने सास की अर्थी को दिया कंधा, फिर दी मुखाग्नि

देवरिया, जेएनएन। कोरोना वायरस के कहर के कारण देश में लॉकडाउन के बीच तीन बेटे अपनी मां की शवयात्रा को कंधा नहीं दे सके। इनकी कमी बहू ने नहीं खलने दी और छोटे बच्चे को गोद में लेकर सास की अर्थी को कंधा देने के बाद उनकी चिता को मुखाग्नि भी दी। यह देख वहां मौजूद लोगों की आंखों में पानी भर आया।

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देशभर में लॉकडाउन के बीच देवरिया में एक बहू ने अपनी सास की अर्थी को कंधा दिया और उनकी चिता को मुखाग्नि भी दी। लार थाना क्षेत्र के तिलौली गांव में शुक्रवार शाम एक बुजुर्ग महिला की अचानक मौत हो गई। उनके तीन बेटे चाहकर भी मां के अंतिम दर्शन नहीं कर पाए। शनिवार को अंतिम संस्कार को लेकर जब कोई रास्ता नहीं निकला तो घर में मौजूद बहू ने बेटे का फर्ज निभाया।

शुक्रवार को दम तोडऩे वाली महिला के तीनों बेटे अलग-अलग राज्यों में रहते हैं। मां के निधन की सूचना मिलने के बाद भी यह सब चाहकर भी अपने घर नहीं पहुंच सके। ऐसे में बहू ने गोद में मासूम बच्चे को लेकर सास की अर्थी को कंधा दिया। इसके बाद घाट पर चाकर चिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान परंपरा के मुताबिक क्रिया-कर्म भी किया, जिसे घाट पर देखकर लोगों की आंखे भर गईं।

शुक्रवार दिन में सुमित्रा की तबीयत अचानक खराब हो गई। लॉकडाउन के चलते लोगों की मदद से नीतू उन्हें एंबुलेंस से सीएचसी ले गई, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद बहू ने सास की मौत की जानकारी अपने पति समेत परिवार के अन्य लोगों को दी। लॉकडाउन के चलते रेलगाड़ी, हवाई जहाज सब बंद होने के चलते महिला का कोई भी बेटा आ नहीं सका। बहू ने सास की अर्थी को दिया कंधा नीतू ने खुद अन्य लोगों के साथ शव को कंधा दिया और साथ में श्मशान घाट भी गई। मौके पर कोई पुरुष मौजूद ना होने के चलते चिता को मुखाग्नि देने की बात आई तो वहां मौजूद सभी लोग एक दूसरे का मुंह देखने लगे। ऐसे में नीतू ने आगे आकर खुद ही सास की चिता को मुखाग्नि दी और अंतिम संस्कार के सभी रस्मों को निभाया।

तितौली गांव की रहने वाली सुमित्रा देवी के तीन बेटे हैं। सुमित्रा अपने बेटे चंद्रशेखर की पत्नी नीतू और बच्चों के साथ सलेमपुर कस्बे में सोहनाग रोड पर किराए के कमरे में रहती थी। इनके तीनों बेटे बाहर नौकरी करते है और सभी अलग राज्यों में रहते हैं। 


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