कैलाश खेर की स्वर लहरियों में गोता लगाते रहे श्रोता
देवरिया महोत्सव में हजारों की संख्या में पहुंचे लोगों के बीच कैलाश खेर ने अपने स्वर का जादू जमकर बिखेरा।
देवरिया: देवरिया महोत्सव में रविवार की रात सुप्रसिद्ध गायक पद्मश्री कैलाश खेर के नाम रहा। पूस की रात में भी वालीबुड के सूफी गायक कैलाश खेर को सुनने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। भीड़ देख गदगद कैलाश ने अपने अंदाज में एक के बढ़कर एक गीतों को मुक्त कंठ से गाया तो लोग उनकी गीतों के दीवाने हो गए। यहां पहुंचे योग गुरू बाबा रामदेव के मंच पर पहुंचने के बाद वंदे मातरम को एक साथ लयबद्ध कर यहां देश भक्ति की गंगा बहायी। कैलाश खेर नाइट कार्यक्रम लोगों पर अमिट छाप छोड़ने में कामयाब रहा। सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ योग गुरु स्वामी रामदेव, राज्य आपदा प्रबंधन के प्रमुख और सेवानिवृत्त उप थल सेनाध्यक्ष आरपी शाही और सलेमपुर के सांसद रविद्र कुशवाहा ने दीप प्रज्वलित कर किया।
अपने चिर परिचित फक्कड़ अंदाज में कैलाश खेर शिव तांडव स्तोत्र को गाते नाचते मंच पर आगाज किए। श्रोताओं ने खड़ा होकर उनका स्वागत किया। सूफी गीत मैं तो तेरे प्यार में दीवाना हो गया.., दिलरुबा ए दिलरुबा..गाया तो सभी झूम उठे। तौबा, तौबा..तौबा तौबा.. ओ तेरी सूरत माशा अल्ला.. गीत को मुक्त कंठ से गाया तो लोग थिरकने को मजबूर हुए। कैसे बताएं कैसे बताएं की हम तुमको चाहे कि हम तुमको जाने ना..हो पिया. हो पिया हो पिया. हो पिया.., रंग दीनी.. रंग दीनी..रंग दीनी..ओढ़नी.क्या कभी अंबर से सूर्य बिछड़ता है., क्या कभी बिन बाती दीपक जलता है.., कैसे हुई अनहोनी. तू ही हमारा, तू ही सहारा. गीत को लयबद्ध किया तो भीड़ ने कैलाश-कैलाश पुकार उठी। स्वामी रामदेव ने कैलाश खेर से अपनी फरमाइश सुनाने का आग्रह किया इस पर कैलाश खेर गा उठे। राम भजो राम भजो राम, भजो जी राम भजो, बम बम लहरी बम बम..प्रस्तुत कर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया।