ईसी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने में फंसे सदर कोतवाल
बिना डीएम की अनुमति के 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने के मामले में सदर कोतवाल फंस गए हैं। जिलाधिकारी अमित किशोर ने सदर कोतवाल से स्पष्टीकरण मांगा है।
देवरिया: बिना डीएम की अनुमति के 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने के मामले में सदर कोतवाल फंस गए हैं। जिलाधिकारी अमित किशोर ने सदर कोतवाल से स्पष्टीकरण मांगा है।
एसडीएम सदर डा.दिनेश मिश्र के नेतृत्व में जांच दल ने 24 अप्रैल की सायं यूपी एग्रो परसिया मल्ल क्रय केंद्र पर छापेमारी की थी। जहां अवैध ढंग से क्रय केंद्र का संचालन किया जा रहा था। क्रय केंद्र परिसर में ही चावल मिल भी संचालित मिला। क्रय केंद्र प्रभारी जिला प्रभारी यूपी एग्रो मौजूद नहीं थे व न ही कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया गया, जिसके चलते गेहूं का सत्यापन नहीं किया जा सका। भौतिक सत्यापन में क्रय केंद्र के गोदाम में गेहूं भरे व स्टेसिल लगे 50 किग्रा के 418 बोरे, गेहूं भरे 60 किग्रा के 480 बोरे व करीब आठ गांठ जूट के बोरे पाए गए। मिल में गेहूं भरे व स्टेसिल लगे 50 किग्रा के 16 बोरे व गेहूं भरे 60 किग्रा के 110 बोरे व 14 गांठ जूट बोरे पाए गए। मिलर नारायण ट्रेडिग कंपनी द्वारा अपने मिल परिसर का उपयोग सरकारी गेहूं के अवैध खरीद में किया जा रहा था। टीम में जिला खाद्य विपणन अधिकारी जितेंद्र यादव, सीओ वरुण मिश्र समेत अन्य अधिकारी शामिल थे। विपणन निरीक्षक दिलीप कुमार की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम 1855 के तहत यूपी स्टेट एग्रो के छेदी प्रसाद, केंद्र प्रभारी विवेक कुमार तिवारी, हरिनारायण मद्धेशिया, दुर्गेश मद्धेशिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। जिला खाद्य विपणन अधिकारी जितेंद्र यादव ने बताया कि डीएम ने ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी से विधिक राय ली। बिना डीएम के अनुमति के 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम 1855 के तहत मुकदमा दर्ज नहीं कराया जा सकता है।
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