इनकी सेवा की सबकी जुबां पर चर्चा
देवरिया में जान जोखिम में डाल कर ड्यूटी कर रहे डाक्टर व स्वास्थ्यकर्मी।
देवरिया: जिले में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग में तैनात डॉक्टर व कर्मचारी कोरोना मरीजों के लिए फरिश्ता से कम नहीं हैं। इनकी सेवा की चर्चा सभी की जुबां पर है। इनकी सेवा का ही परिणाम है कि अस्पतालों से कोरोना के मरीज बड़ी संख्या में स्वस्थ होकर लौट रहे हैं। कई लोग तो कोरोना की चपेट में भी आ चुके हैं। स्वस्थ होने के बाद फिर से ड्यूटी पर लौट आए हैं।
कोरोना को मात देकर ड्यूटी में जुटे
डा. शुभ लाल शाह की तैनाती जिला अस्पताल में है। वह 25 दिन पूर्व कोरोना संक्रमित हो गए थे। ओपीडी में मरीजों के इलाज के दौरान वह बीमार हुए थे। क्वारंटाइन अवधि में कोरोना संक्रमण से मुक्त हुए तो एक बार फिर मरीजों की सेवा में लग गए हैं। कहते हैं कि इस समय चिकित्सक की जिम्मेदारी बढ़ गई है। ऐसे में हम अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकते, यह कार्य देश सेवा जैसा है।
पांच माह से दे रहे सेवा
जिला अस्पताल के मुख्य औषधि भंडार के प्रभारी व वरिष्ठ फार्मासिस्ट राधेश्याम राय लगातार पांच माह से अपनी सेवा दे रहे हैं। इमरजेंसी में तो ड्यूटी करते ही हैं। जिला अस्पताल से लेकर सभी वार्ड में मरीजों को दवा देते हैं। कहते हैं कि मौजूदा समय में पूरी जिम्मेदारी के साथ कार्य कर रहा हूं। सब कुछ भगवान पर छोड़ दिया है। मरीजों की सेवा से बड़ा पुनीत कार्य कुछ भी नहीं है।
कोरोना से मरे लोगों का ढोते हैं शव
जिला अस्पताल में तैनात जितेंद्र सैनी कोरोना संक्रमितों की मौत के बाद उनके शव को मेडिकल कालेज से देवरिया एंबुलेंस से ढोने का कार्य करते हैं। कहते हैं कि हम अपनी जान हथेली पर रखकर ड्यूटी कर रहे हैं। कभी भी संक्रमित हो सकते हैं, बावजूद इसके पूरी सुरक्षा के बीच रोज अपना काम कर रहे हैं। सामान्य दिनों में अगर हमने ड्यूटी की है तो इस समय हमारा फर्ज बनता है कि अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद रहें।
स्वच्छता का जगाती हैं अलख
जिला अस्पताल में तैनात सफाई कर्मी इंद्रावती मुस्तैदी के साथ अपनी ड्यूटी करती हैं। वह आइसोलेशन वार्ड ओपीडी कक्ष को प्रतिदिन साफ करती हैं। उनकी सेवा से अस्पताल चमक रहा है। स्वास्थ्य कर्मी भी उनकी सेवा के मुरीद हैं। अस्पताल में कहीं भी वह गंदगी देखती हैं तो सफाई करने से पीछे नहीं हटती हैं। कहती हैं कि लोग अभी स्वच्छता को लेकर उस तरह से जागरूक नहीं हैं जिस तरह से होना चाहिए।