मरीजों की भीड़ में टूट रही बेहतर इलाज के उम्मीदों की संास
सुबह से दोपहर तक धक्का खाने के बाद भी बैरंग लौट रहे मरीज
देवरिया: जिला अस्पताल में बेहतर इलाज की उम्मीद हर रोज टूट रही है। गरीबों के इलाज की उम्मीद पर चिकित्सकों की लापरवाही हर रोज पानी फेरने का कार्य कर रही है। गरीब लोग अस्पताल की व्यवस्था को कोसते हुए घर को लौट रहे हैं, कारण उन्हें सुबह से दोपहर तक धक्का खाने के बाद भी इलाज नहीं हो पा रहा है। उधर अस्पताल प्रशासन का दावा है कि चिकित्सक अपनी क्षमता से अधिक कार्य कर रहे हैं।
जिला अस्पताल परिसर में सुबह 10 बजे रजिस्ट्रेशन काउंटर पर मरीजों की भीड़ लगी है। अस्पताल गेट पर वाहनों का कतार और उस कतार के बीच गेट पर ही फर्श पर एंबुलेंस चालकों द्वारा उतारे गए कराह रहे मरीज। लोग बिना नीचे देखे चलते जा रहे हैं और दर्द से कराह रहे मरीजों को लगातार आने जाने वाले लोगों के पैरों से ठोकर लगता है। मरीजों और आने-जाने वाले लोगों के बीच झड़प होती है। यह सिलसिला चलता रहता है उधर भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है। रजिस्ट्रेशन काउंटर पर महिला और पुरुष काउंटर के सामने व ओपीडी में मरीजों की भीड़ अनियंत्रित है। जितने मरीज सुबह 10 बजे ओपीडी में हैं उससे अधिक रजिस्ट्रेशन कराने के लिए लाइन में खड़े हैं।
ओपीडी में डा. डीके सिंह, डा. एएम वर्मा, डा. सौरभ द्विवेदी, डा. अजय शाही व बाल रोग में डा. एके वर्मा, डा. एसके सिंह, डा. आरके श्रीवास्तव मरीजों को देखते मिले। एक्सरे में भीड़ को संभालने में मरीजों का पसीना छूट गया। हड्डी रोग विभाग में डा. पीएन कन्नौजिया मरीजों से घिरे दिखे। यहां पर्ची लगाने को लेकर कई बार हंगामा हुआ। जब भी हंगामा होता होमगार्ड किनारे हो जाते। दवा वितरण कक्ष व पैथालाजी में तीन-तीन लाइन लगा कर लोग अपनी बारी की प्रतीक्षा में रहे। दो बजे के बाद पांच सौ से अधिक मरीजों को इलाज नहीं मिल सका और वे वापस लौट गए।
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एक नजर में अस्पताल के मरीज
नया रजिस्ट्रेशन - 2021
पुराना रजिस्ट्रेशन- 1200
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मरीजों को बेहतर इलाज देने का प्रयास रहता है। मरीजों की भीड़ बहुत अधिक हो रही है। फिर भी चिकित्सक मरीजों को ठीक ढंग से देख रहे हैं। मैं स्वयं घूम कर ओपीडी में देखता रहता हूं कि कहीं कोई दिक्कत तो नहीं है।
डा. छोटेलाल, सीएमएस, जिला चिकित्सालय देवरिया।