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मेरी माथे की बिदिया लौटा दे प्रशासन

मेरी तो दुनिया ही उजड़ गयी आखिर मेरे पति का क्या कसूर था? सिर्फ पसास हजार रुपया गुंडा टैक्स न देना या पुलिस से फरियाद करना। पति के शव के पास बिलखते हुए मृतक व्यापारी की पत्नी के इन सवालों का समझाने में लगे लोगों के पास कोई जवाब नहीं था। ढाढस बंधाने में लगे प्रशासनिक महकमे से वह पूछ बैठी कि क्या प्रशासन उसके माथे की बिदिया लौटा सकता है?

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Mar 2019 11:40 PM (IST)Updated: Sun, 17 Mar 2019 11:40 PM (IST)
मेरी माथे की बिदिया लौटा दे प्रशासन
मेरी माथे की बिदिया लौटा दे प्रशासन

देवरिया : मेरी तो दुनिया ही उजड़ गयी, आखिर मेरे पति का क्या कसूर था? सिर्फ पसास हजार रुपया गुंडा टैक्स न देना या पुलिस से फरियाद करना। पति के शव के पास बिलखते हुए मृतक व्यापारी की पत्नी के इन सवालों का समझाने में लगे लोगों के पास कोई जवाब नहीं था। ढाढस बंधाने में लगे प्रशासनिक महकमे से वह पूछ बैठी कि क्या प्रशासन उसके माथे की बिदिया लौटा सकता है? कमोवेश कुछ इसी तरह के सवाल उन मासूम बच्चों की आंखों में भी तैर रहा था। दो भाइयों में छोटा योगेश परिवार का होनहार था। अपने बड़े भाई मंटू उर्फ राजेश जायसवाल के साथ मिलकर वह परिवार को आगे बढ़ा रहा था। ब्लाक मोड़ के समीप स्थित मकान में पूरा परिवार एक साथ रहता था।

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तीन माह पूर्व जेल से छूटकर आया शातिर बदमाश विवेक क्षेत्र में रंगदारी वसूलने का पांव पसार रहा था। इंदूपुर चौराहे के कुछ व्यापारी और आस-पास के क्षेत्र के कुछ प्रधान उसे कुछ धनराशि थे। इस बीच उसकी नजर योगेश पर पड़ी। योगेश ने हिम्मत दिखाई और पुलिस पर विश्वास कर मदद मांगी। उसे थोड़ा भी अंदेशा नहीं था कि रंगदारी न देना उसकी बड़ी भूल साबित होगी। इससे नाराज विवेक ने उसे गोली मार दी। सरेआम दिनदहाड़े हुई इस घटना से भय का माहौल व्याप्त हो गया। पुलिस की कार्यप्रणाली पर क्षेत्रीय लोगों में उबाल आ गया। रविवार को जब मृतक योगेश का शव पोस्टमार्टम के बाद घर पहुंचा तो कोहराम मच गया। परिजन सहित क्षेत्रीय लोग शव न उठने देने की जिद पर अड़ गए। मौके पर उपस्थित पुलिस प्रशासन के लोगों के समझाने पर करुण क्रंदन करती हुई पत्नी प्रीति ने जब पूछा कि कैसे भूल जाऊं? यदि प्रशासन में दम हो तो मेरी माथे की बिदिया लौटा दे। तीन संतानों में बड़ा पुत्र बासू 10 वर्ष, पुत्री मानवी 7 वर्ष, माही 5 वर्ष की आंखों में भी कुछ इसी तरह के सवाल तैर रहे थे। क्षेत्र के मझना नाले पर मृतक योगेश के दस वर्षीय पुत्र बासू ने जब मुखाग्नि दी तो वहां उपस्थित लोगों की आंखे नम हो गई।


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