Move to Jagran APP

यहां गरीबों तक नहीं पहुंची विकास योजनाएं

सरकार गरीब परिवारों के लिए तमाम योजनाएं संचालित कर रही है लेकिन आज भी कई गांव व मजरे ऐसे हैं जहां गरीबों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यह लोग वर्षो से कच्ची दीवारों पर टिनशेड व पन्नी डालकर गुजारा कर रहे हैं पर मकान का लाभ नहीं मिला।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 10:41 PM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 10:41 PM (IST)
यहां गरीबों तक नहीं पहुंची विकास योजनाएं
यहां गरीबों तक नहीं पहुंची विकास योजनाएं

देवरिया : सरकार गरीब परिवारों के लिए तमाम योजनाएं संचालित कर रही है, लेकिन आज भी कई गांव व मजरे ऐसे हैं जहां गरीबों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यह लोग वर्षो से कच्ची दीवारों पर टिनशेड व पन्नी डालकर गुजारा कर रहे हैं, पर मकान का लाभ नहीं मिला। खासतौर पर बरसात के दिनों में इनको हर बार मुसीबत झेलनी पड़ती है।

loksabha election banner

बरहज ब्लाक के ग्राम पंचायत कपरवार के लोग ग्राम प्रधान से लेकर ब्लाक कार्यालय तक चक्कर लगा कर हार गए हैं। इन लोगों ने आवेदन भी किया, लेकिन जिम्मेदारों ने इनकी पीड़ा नहीं देखी। हालत यह है कि गरीब परिवार गुजर बसर करने के लिए पुराने गिरे घर की कच्ची दीवारों पर झोपड़ी, टिनशेड व पन्नी डालकर रहने को मजबूर है। कामगार श्रेणी के इन अभिभावकों के सामने स्वजन का पेट भरने की जिम्मेदारी निभाने में ही कमाई खत्म हो जाती है। घर बना पाना इनके लिए सपने सरीखा है। ऐसी स्थित हर गांव में देखने के लिए मिल रही है। झोपड़ी में रहने को विवश नौकाटोला के रहने वाले वृद्धिचंद की दशा देख रेडक्रॉस सोसाइटी के उपसभापति अखिलेंद्र शाही, अजय प्रताप सिंह ने उन्हें सहायता दी। ठंड के मौसम को देखते हुए झोपड़ी के ऊपर ढकने के लिए तिरपाल का प्रबंध किया। बीडीओ बरहज चंद्रभूषण यादव ने बताया कि सरकार द्वारा आवास योजना का लाभ जरूरतमंद लोगों को दिया गया है। बावजूद इसके कोई वंचित रह गया है तो सचिव, ग्राम प्रधान से सूची लेकर लाभ दिलाने का प्रयास होगा। ग्राम कपरवार के धर्मचंद्र जायसवाल ने बताया कि आवास की आस में वर्षों गुजर गए। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए कई बार आवेदन किया, लेकिन आज तक किसी ने ध्यान नहीं दिया। समस्या जानने की किसी अधिकारी ने कोशिश नहीं की। बारिश और ठंड के दिनों में परिवार को परेशानी उठानी पड़ती है। खपरैल का मकान गिर गया। बरसात में पन्नी डालकर गुजारा किया। कपरवार के आस मोहम्मद ने बताया कि आवास के लिए कई बार प्रधान से लेकर ब्लाक अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन किसी से योजना का लाभ मिलने की उम्मीद नहीं जगी। एक वर्ष पूर्व बरसात में गिरे कच्चे घर की मजबूरी में मरम्मत की। तब जाकर बरसात के दिनों में रह पाया। कटरेन, पालीथिन से न ठंड जाती है और न ही सूरज की तपिश से राहत मिलती है। वर्षों से इसी तरह आश्वासन पर जी रहे हैं, लेकिन आज तक आवास योजना का लाभ नहीं मिल सका।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.