यहां भीख मांग कर राम नवमी की पूजा करने की है परंपरा
लोक आस्था व विश्वास के पर्व राम नवमी के प्रति आज भी लोगों में अपार श्रद्धा है। इस पूजा में आज भी लोग पुरानी परंपरा को कायम रखे हुए हैं। सलेमपुर ब्लाक के खाजे गढ़वा और बभनौली पांडेय में गांव के लोग आज भी पुरानी परंपरा को अपनाते हुए भीख मांगते हैं और उसी पैसे से राम नवमी की पूजा करते हैं।
देवरिया : लोक आस्था व विश्वास के पर्व राम नवमी के प्रति आज भी लोगों में अपार श्रद्धा है। इस पूजा में आज भी लोग पुरानी परंपरा को कायम रखे हुए हैं। सलेमपुर ब्लाक के खाजे गढ़वा और बभनौली पांडेय में गांव के लोग आज भी पुरानी परंपरा को अपनाते हुए भीख मांगते हैं और उसी पैसे से राम नवमी की पूजा करते हैं।
अष्टमी की रात में महिलाएं निशा पूजा करती हैं। पूरी रात मां भगवती का जागरण करती हैं। पूजा करने की प्रथा विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग होती है। क्षेत्र के खाजे गढ़वा और बभनौली पांडेय गांव की प्रथा है कि यहां महिलाएं राम नवमी की पूजा अपने पैसे से न कर भिक्षाटन के पैसे से करती हैं। भीख मांगने की इस प्रथा को समाज में हेय नहीं सुखद समझा जाता है। गांव के सबसे बुजुर्ग मैनेजर सिंह 70 वर्ष कहते हैं कि भीख मांगकर रामनवमी की पूजा करने की प्रथा आज से नहीं बहुत पहले से चली आ रही है। हम लोगों के घर के बच्चे रामनवमी के पूर्व कटोरा लेकर निकल जाते हैं और दो-चार प्रमुख लोगों से पूजा करने के नाम पर गेहूं, पैसा मांगते हैं। उसी पैसे से निशा पूजा के लिए सभी सामग्री खरीदी जाती है। इसमें अच्छे परिवार के बच्चे भी भीख मांगने से संकोच नहीं करते हैं। खाजे गढ़वा गांव के अभिषेक सिंह, प्रशांत सिंह, रितिक सिंह, राज सिंह, नेहा, गुड़िया ने बताया कि नवरात्रि के समय में मां की पूजा के लिए हम लोगों में बहुत उत्साह होता है। पूजा की सामग्री खरीदने में जितना पैसा लगता है उतना ही पैसा हम लोग भीख मांग कर इकट्ठा करते हैं।