जर्जर परिषदीय विद्यालयों के ध्वस्तीकरण की तैयारी
इन भवनों को ध्वस्त करने व मलबे का न्यूनतम मूल्य तय करने के लिए अधिशासी अभियंता आरईडी की अध्यक्षता में समिति गठित की है। सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड व सहायक अभियंता लघु सिचाई इसके सदस्य होंगे।
देवरिया: ब्रिटिश शासनकाल में बने कई परिषदीय विद्यालयों ने 110 सालों तक साथ दिया, लेकिन दो दशक के भीतर पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में बनाए गए कई भवन जर्जर हालत में पहुंच गए हैं। जिला प्रशासन की तरफ से इन भवनों के ध्वस्तीकरण की तैयारी चल रही है। जिले के 377 परिषदीय विद्यालयों की बुनियाद हिल गई है। हादसों से बचाने के लिए बच्चों को उन भवनों से दूर रखा जाता है।
इन भवनों को ध्वस्त करने व मलबे का न्यूनतम मूल्य तय करने के लिए अधिशासी अभियंता आरईडी की अध्यक्षता में समिति गठित की है। सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड व सहायक अभियंता लघु सिचाई इसके सदस्य होंगे।
बेसिक शिक्षा विभाग के रिकार्ड के मुताबिक, रामपुर कारखाना ब्लाक का प्राथमिक विद्यालय सिरसिया नंबर एक-1990, उच्च प्राथमिक विद्यालय रामपुर कारखाना-1932, तरकुलवा का प्राथमिक विद्यालय रामपुरगढ़-1903, प्राथमिक विद्यालय परासखांड-1904, प्राथमिक विद्यालय रतनपुरा-1928, प्राथमिक विद्यालय तरकुलवा-1937, गौरीबाजार का प्राथमिक विद्यालय कतौरा-1918, प्राथमिक विद्यालय इंदूपुर एक-1924, प्राथमिक विद्यालय करमाजीपुर-1946, सलेमपुर का प्राथमिक विद्यालय चेरो-1904, प्राथमिक विद्यालय बरडीहा दलपत-1919, रुद्रपुर का प्राथमिक विद्यालय कोरवा-1928, प्राथमिक विद्यालय रुद्रपुर तीन-1935, प्राथमिक विद्यालय बहोरा व प्राथमिक विद्यालय डढिया-1936 में बने थे।
वर्ष 2000 के बाद बने करीब 40 से अधिक विद्यालय जर्जर हालत में हैं। कई भवन एक दशक भी पूरे नहीं कर पाए हैं। सदर ब्लाक का उच्च प्राथमिक विद्यालय पिपरा चंद्रभान 2010 में बना था, आज इसकी दशा खराब है। इसी तरह रुद्रपुर के उच्च प्राथमिक विद्यालय महेशपुर 2010, हौलीबलिया 2011 में बना था। 2004 के बाद बने भाटपाररानी विकास खंड का उच्च प्राथमिक विद्यालय जगहथा, भागलपुर का उच्च प्राथमिक विद्यालय गहिला, गडौना, करौंदी, इशारू,रामपुर कारखाना के चांदपुर, बीबीचक, सिंहपुर, धनौतीकला, लार के रतनपुरा, सदर के रावतपार, बतरौली में विद्यालय भवन खस्ताहाल हैं।
जिलाधिकारी अमित किशोर ने बताया कि जीर्ण-शीर्ण हालत वाले विद्यालय भवनों को ध्वस्त कराया जाएगा। इसके लिए समिति का गठन किया गया है। सुरक्षा प्राथमिकता में है।