पिता की मौत के बाद बेटे ने छेड़ी हक की लड़ाई
चौदह साल से पेंशन की लड़ाई लड़ते ¨जदगी की जंग हार चुके पिता का मरणोपरांत उनका हक दिलाने का जिम्मा बेटे ने उठाया है। बेसिक शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों व मानवाधिकार आयोग को पत्र भेजकर पेंशन की धनराशि का भुगतान करने की मांग की है।
देवरिया : चौदह साल से पेंशन की लड़ाई लड़ते ¨जदगी की जंग हार चुके पिता का मरणोपरांत उनका हक दिलाने का जिम्मा बेटे ने उठाया है। बेसिक शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों व मानवाधिकार आयोग को पत्र भेजकर पेंशन की धनराशि का भुगतान करने की मांग की है। ऐसा न होने पर आमरण अनशन की चेतावनी दी है।
देवरिया जनपद के ग्राम खुदिया मिश्र निवासी कैलाश मिश्र बेसिक शिक्षा विभाग में 32 वर्ष तक परिचारक की नौकरी करने के बाद 2004 में अवकाश प्राप्त किया। विभाग द्वारा बीमा व अन्य फंड का भुगतान तो उस समय कर दिया, लेकिन पेंशन देने में विभागीय अधिकारी आनाकानी करते रहे। जबकि उनके साथ सेवानिवृत्त हुए सेवकों को पेंशन दे दी गई। विभागीय उपेक्षा से परेशान होकर उन्होंने उच्च न्यायालय की शरण ली। नौ दिसंबर 2012 को दिए गए फैसले में न्यायालय ने बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि एक माह में पेंशन का भुगतान कर न्यायालय को सूचित करे। इसके बाद भी अफसर मनमानी करते रहे। पेंशन देने के बजाय न्यायालय को झूठी रिपोर्ट देकर गुमराह करते रहे। कर्मचारी पेंशन का झूठा आश्वासन देकर उनका मानसिक व आर्थिक शोषण करते रहे। प्रताड़ना व आर्थिक तंगी से वह तनावग्रस्त रहने लगे। एक माह पूर्व हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई।
कैलाश मिश्र के पुत्र शैलेश कुमार मिश्र ने बेसिक शिक्षा अधिकारी के साथ शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों व मानवाधिकार आयोग को पत्र देकर कहा कि पेंशन के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों ने उनको मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान किया। उनकी मौत के लिए विभाग के लोग जिम्मेदार है। मैं उनके बकाया पेंशन के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ूंगा। अगर इस माह के अंत तक बकाया भुगतान न हुआ तो आमरण अनशन शुरू करूंगा। साथ ही संबंधित लिपिक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का न्यायालय की अवमानना का अभियोग दर्ज कराने के लिए न्यायालय में जाने को विवश हो जाऊंगा।
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उनके पेंशन से जुड़े अभिलेखों का मैंने अभी तक अवलोकन नहीं किया है। अभिलेखों का अवलोकन करने के बाद भुगतान के संबंध में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। किसी भी कर्मचारी का हक नहीं मारा जाएगा।
-माधव तिवारी बीएसए, देवरिया
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