वर्चस्व की लड़ाई में गई अनूप की जान
बरहज के पैना में दिन-दहाड़े गोली चलने की घटना के पीछे वर्चस्व छिपा हुआ है। घटना की नींव तो पंचायत चुनाव में ही पड़ गई थी। आए दिन दोनों पक्ष आमने-सामने हो जाते और मामला थाने तक पहुंचता, लेकिन पुलिस हर बार मामले को हल्के में लेती और समझा-बुझाकर शांत करा देती।
देवरिया: बरहज के पैना में दिन-दहाड़े गोली चलने की घटना के पीछे वर्चस्व छिपा हुआ है। घटना की नींव तो पंचायत चुनाव में ही पड़ गई थी। आए दिन दोनों पक्ष आमने-सामने हो जाते और मामला थाने तक पहुंचता, लेकिन पुलिस हर बार मामले को हल्के में लेती और समझा-बुझाकर शांत करा देती। बीएसएफ जवान के अवकाश पर आने के बाद मामला कुछ ज्यादा ही तूल पकड़ लिया और दोनों पक्ष एक-दूसरे के खिलाफ भी शिकायत करते रहे, लेकिन पुलिस गंभीरता से नहीं ली, अगर पुलिस मामले को गंभीरता से लेती तो शायद यह नौबत नहीं आई होती।
घटना के पीछे कहा जा रहा है कि क्षेत्र पंचायत चुनाव में दोनों पक्षों में प्रत्याशी बैठाने को लेकर विवाद हुआ और तभी से मामला तूल पकड़ने लगा। इसके बाद दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते रहे। कहा जा रहा है कि अंगद का सामान भी कुछ दिन पूर्व चोरी हुआ तो वह पुलिस को तहरीर दिया, जबकि दूसरे पक्ष ने भी अंगद ¨सह के खिलाफ आरोप लगाया। लोगों का कहना है कि आए दिन दोनों पक्षों में विवाद होता था। उधर मौत के बाद परिवार में मातम छा गया है।
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पुलिस छावनी में तब्दील हुआ पैना
पैना में वर्चस्व व पुरानी रंजिश को लेकर गोली मारकर युवक की हत्या करने तथा लोगों के उग्र होने की भनक जब पुलिस के आला अधिकारियों को लगी तो वह मौके पर बड़ी संख्या में फोर्स के साथ निकल पड़े। एसपी के पहुंचने से पहले मौके पर अपर पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र बहादुर, सीओ बरहज, प्रभारी निरीक्षक बरहज रामधारी मिश्र, भलुअनी के प्रभारी निरीक्षक सरोज शर्मा, मईल थाना मिथिलेश राय समेत कई थानों की फोर्स पहुंच गई।
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बीएसएफ जवान को कैसे लगी गोली
गांव के लोगों का कहना है कि गांव में एक तरफ से ही गोली चली। थानाध्यक्ष रामधारी मिश्र का भी कहना है कि एक तरफ से ही केवल मौके पर गोली चली है। बीएसएफ जवान को कैसे गोली लगी है, यह अभी जांच का विषय है, जबकि बीएसएफ जवान ने पुलिस को बताया कि गोली उसको दूसरे पक्ष ने मारी है।
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