पूर्ण ब्रह्मम श्री विष्णु ही श्रीकृष्ण हैं: राजनारायणाचार्य
तिरुपति बालाजी में हुआ दो दिवसीय उत्सव
देवरिया: शहर के कसया रोड स्थित रामानुजाचार्य मार्ग स्थित दक्षिण भारतीय शैली के तिरुपतिबालाजी मंदिर में आज सोमवार को धूमधाम से श्रीकृष्ण जयंती का शुभारंभ हो गया। मंदिर परिसर में हर्ष एवं उल्लास के साथ आध्यात्मिक वातावरण बना रहा। सुबह मंगला आरती के बाद नित्याराधन, मंत्रपुष्प, नित्य सवारी, शात्तुमोरा के साथ मध्याह्न काल की सेवा पूजा हुई। दोपहर बाद श्रीवेंकटेश्वर भगवान के मूलबेर, उत्सव बेर, राजगोपाल जी के साथ श्रीबालकृष्ण भगवान का अभिषेक हुआ। सायंकाल सुनहले झूला में वेंकटेश्वर बालकृष्ण भगवान विराजमान होकर भक्तों को दर्शन दिए। 12 बजे रात्रि में स्वामी राजनारायणाचार्य ने महाआरती, महाभोग नैवेद्य अर्पण, गोकुल यात्रा का कार्यक्रम हुआ। प्रवचन करते हुये जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी राजनारायणाचार्य ने कहा कि वास्तव में जगत के गुरु तो श्रीकृष्ण ही हैं। कृष्णं वंदे जगद्गुरुम पूर्ण ब्रह्मम श्रीविष्णु ही श्रीकृष्ण हैं।
उन्होंने कहा कि विष्णु के दश अवतार प्रसिद्ध है, जिसमें गुरु के रुप में श्रीकृष्ण का ही अवतार हुआ है। श्रीकृष्ण का मानव मात्र के लिए दिए गए उपदेश को श्रीमछ्वगवत गीता कहते हैं, जो भारतीयों का सर्वमान्य ग्रंथ है। भगवान श्रीकृष्ण जैसा सुंदर, सहज, मधुर, दयालु न कभी कोई हुआ है, न कभी होने वाला है। कल दधिकर्दम उत्सव, नंदोत्सव एवं नौका विहार उत्सव मनाया जाएगा। श्री लक्ष्मी वेंकटेश्वरदेवस्थानम ट्रस्ट के द्वारा आयोजित पारंपरिक महोत्सव में जगुरा अनंताचार्य वृंदावन, धनंजय कृष्ण शास्त्री, रमेश बरनवाल, हरिहर प्रसाद बरनवाल, संतोष बरनवाल, अशोक कुमार अग्रवाल, संजय जाखोदिया, सतीश बरनवाल, आनंद अग्रवाल, शरद अग्रवाल, मुक्तिनाथ त्रिपाठी, शिवभूषण तिवारी आदि मौजूद रहे।