Move to Jagran APP

पूर्वांचल में कांग्रेस की राह कंटीली, दिग्गजों की पीढ़ी दूसरे दलों के साथ

राहुल गांधी ने देवरिया के रुद्रपुर से यात्रा निकालकर पूर्वी उत्तर प्रदेश को साधने की भले पहल की है लेकिन यहां उनकी राह आसान नहीं है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 06 Sep 2016 11:06 PM (IST)Updated: Tue, 06 Sep 2016 11:29 PM (IST)
पूर्वांचल में कांग्रेस की राह कंटीली, दिग्गजों की पीढ़ी दूसरे दलों के साथ

देवरिया (राज्य ब्यूरो)। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने देवरिया के रुद्रपुर से यात्रा निकालकर पूर्वी उत्तर प्रदेश को साधने की भले पहल की है लेकिन यहां उनकी राह आसान नहीं है। 27 साल की जिस बेहाली का जिक्र कर राहुल वापसी का सपना देख रहे हैं उसी 27 साल में पूर्वांचल में कांग्रेस की जमीन दरकती गयी है। जिन मजबूत कंधों पर कांग्रेस का दारोमदार रहा वह भी नहीं रहे। उनकी पीढिय़ों ने दूसरे दलों में अपनी जगह बना ली है। हालत यह है कि जिन लोगों ने अपनी दमदारी से कांग्रेस के टिकट पर 2012 का चुनाव जीता वह भी पाला बदल लिए हैं।

loksabha election banner

तस्वीरों में देखें-देवरिया में राहुल गांधी की सभा के बाद खाट लूट

पूर्वी उत्तर प्रदेश में कुशीनगर के खड्डा विधायक विजय दुबे, बस्ती के रुधौली विधायक संजय जायसवाल और बहराइच की नानपारा विधायक माधुरी वर्मा कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीतीं लेकिन अपने भविष्य को देखते हुए विधानसभा और राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा से हाथ मिला लिया। कांग्रेस ने इन तीनों विधायकों के निष्कासन की कार्रवाई जरूर की लेकिन इससे कांग्रेस के विरोध का संदेश गया। भाजपा ने इन नेताओं को पार्टी में शामिल करा दिया।

उत्तर प्रदेश के अन्य समाचारों के लिए यहां क्लिक करें।

कांग्रेस के अतीत पर गौर करें तो पूर्वी उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री कल्पनाथ राय और पूर्व मंत्री राज मंगल पाण्डेय कांगे्रस के प्रमुख नेताओं में थे। अब ये नहीं रहे लेकिन इनके परिवार के लोग भाजपा में हैं। वीरबहादुर सिंह के पुत्र पूर्व मंत्री फतेहबहादुर सिंह, कल्पनाथ राय की पुत्रवधू सीता राय और राजमंगल पाण्डेय के पुत्र सांसद राजेश पाण्डेय की गिनती भाजपा के प्रमुख नेताओं में होती है। डुमरियागंज के सांसद जगदंबिका पाल लोकसभा चुनाव में ही भाजपा का दामन थाम लिए। महावीर प्रसाद के निधन के बाद इस पूरे अंचल में कोई दलित नेता उभर नहीं सका।

गोरखपुर के सहिजना गांव में राहुल करेंगे भोजन, लगाएंगे चौपाल

छोटे दलों से भी झटका

कांग्रेस ने जनता दल यूनाइटेड के जरिए छोटे दलों को साथ जोडऩे की पहल की थी लेकिन इन्हें झटका ही लगा है। पूर्वांचल में प्रभावी भूमिका निभाने वाले ज्यादातर छोटे दलों का झुकाव भाजपा और सपा की ओर है। इनके साथ ही गठबंधन की बातचीत चल रही है। भासपा और अपना दल का भाजपा से गठबंधन हो चुका है जबकि कौमी एकता दल से सपा की फिर नजदीकियां बढ़ी हैं। ऐसी स्थिति में कांग्रेस के लिए छोटे दलों का प्रयोग भी आसान नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.