स्पीलर कोच के ब्रेक शू में लगी आग, अफरातफरी
12165 लोकमान्य तिलक गोरखपुर एक्सप्रेस ट्रेन सुबह करीब 10.45 बजे नूनखार रेलवे स्टेशन से गुजरी। अहिल्यापुर-देवरिया रेलवे स्टेशन के बीच अचानक प्रेशर पाइप निकल गया जिसके चलते ट्रेन रुक गई। चालक ने प्रेशर पाइप ठीक किया। करीब एक घंटे बीस मिनट बाद दोपहर 12.05 बजे ट्रेन सदर रेलवे स्टेशन पहुंची।
देवरिया: सदर रेलवे स्टेशन पर लोकमान्य तिलक गोरखपुर एक्सप्रेस के स्लीपर कोच के ब्रेक शू में आग लग गई, जिसके चलते अफरातफरी मच गई। रेल कर्मियों ने अग्निशमन यंत्र से आग पर काबू पाया गया। सदर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन करीब डेढ़ घंटे तक खड़ी रही।
12165 लोकमान्य तिलक गोरखपुर एक्सप्रेस ट्रेन सुबह करीब 10.45 बजे नूनखार रेलवे स्टेशन से गुजरी। अहिल्यापुर-देवरिया रेलवे स्टेशन के बीच अचानक प्रेशर पाइप निकल गया, जिसके चलते ट्रेन रुक गई। चालक ने प्रेशर पाइप ठीक किया। करीब एक घंटे बीस मिनट बाद दोपहर 12.05 बजे ट्रेन सदर रेलवे स्टेशन पहुंची। प्लेटफार्म नंबर एक पर ट्रेन के पहुंचने पर एस-4 कोच के ब्रेक शू जाम होने के कारण धुंआ के साथ लपटें उठने लगी। यह देखकर यात्रियों में खलबली मच गई। रेलकर्मी अग्निशमन यंत्र लेकर आग बुझाने के लिए दौड़े। आरपीएफ भी सहयोग में जुट गई। रेल कर्मियों ने आग बुझाया। इसके बाद जाम ब्रेक शू को अलग करने के लिए भटनी से मैकेनिकल स्टाफ भी कुछ देर बाद अमरनाथ एक्सप्रेस ट्रेन से सदर रेलवे स्टेशन पर पहुंचा। करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद ब्रेक शू ठीक कर दोपहर बाद 1.38 बजे ट्रेन को देवरिया से गोरखपुर के लिए रवाना किया गया। नूनखार से आगे ट्रेन का प्रेशर पाइप निकल गया था, जिसके कारण सवा घंटे बाद ट्रेन सदर रेलवे स्टेशन पर पहुंची। यहां ब्रेक शू से धुंआ के साथ लपटें उठने लगी थीं। अग्निशमन यंत्र से आग पर काबू पाया गया। ट्रेन करीब डेढ़ घंटे सदर रेलवे स्टेशन पर खड़ी रही।
आइ अंसारी, स्टेशन अधीक्षक, सदर रेलवे स्टेशन
अजय मिश्र हत्याकांड में चाचा व चचेरे भाइयों समेत दस पर मुकदमा
देवरिया: अजय मिश्र हत्याकांड में नया मोड़ आ गया है। बरियारपुर पुलिस ने चार माह बाद कोर्ट के आदेश पर मृतक के चाचा, चचेरे भाइयों समेत दस के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है। यह कार्रवाई हत्या में आरोपित अरुण कुमार सिंह के प्रार्थना पत्र पर हुई है।
बरियारपुर क्षेत्र के अहिलवार बुजुर्ग गांव के रहने वाले अजय मिश्र की पांच जनवरी की रात गला काटकर हत्या कर शव को सदर कोतवाली के पिपरा चंद्रभान गांव के समीप फेंक दिया गया। पुलिस की जांच में बैनामा भूमि को लेकर विवाद सामने आया था। मृतक के चाचा रमेश मिश्र की तहरीर पर बरियारपुर थाने में भूमि बैनामा कराने वाला भटवलिया के अरुण कुमार सिंह, सहयोगी पिपरा चंद्रभान का प्रद्युम्न पांडेय, पुनीत शाही, अरविद कुमार पांडेय व सोनूघाट का पूर्व प्रधान हृदयाशंकर यादव व तीन अज्ञात के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज की थी। इस हत्याकांड के मुख्य आरोपित भटवलिया निवासी अरुण कुमार सिंह ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया कि मृतक अजय मिश्र अपनी भूमि का बैनामा करना चाहते थे, लेकिन उनके चाचा व अन्य स्वजन विरोध कर रहे थे। इसके बाद भी उन्होंने 23 अक्टूबर 2021 को भूमि बैनामा कर दिया। जिसके कारण उनके पट्टीदारों ने अजय मिश्र की हत्या कर दी, जिसमें उनके चाचा रमेश मिश्र के अलावा आकाश मिश्र, अमन मिश्र, गोविद मिश्र, विपिन मिश्र, सूरज मिश्र, महेंद्र मिश्र, अवनीश मिश्र, अनीता मिश्र व रमेश मिश्र की पत्नी विन्ध्यवासिनी मिश्रा शामिल थीं।