पुत्र को संस्कारित बनाना पिता का दायित्व
देवरिया के मरकड़ा गांव में चल रही भागवत कथा में कथा वाचक ने सुकेदव की कथा का वर्णन किया।
By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2020 11:48 PM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2020 05:06 AM (IST)
देवरिया: मगहरा क्षेत्र के मरकड़ा में भागवत कथा के प्रथम दिन कथावाचक नरहरि दास ने कहा कि बच्चों को संस्कार देने का दायित्व माता पिता का है। उन्होंने गौवर्ण उपाख्यान और सुकदेव की कथा का वर्णन कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।
कहा कि प्रात: काल उठकर भगवान श्री राम भी अपने माता पिता और गुरु के चरणों में प्रणाम करने जाते थे। पुत्र को संस्कारवान और विवेकी बनाना माता पिता का परम कर्तव्य है। संस्कार के द्वारा ही मानव अच्छे कर्मों की ओर उन्मुख होता है। ध्रुवनाथ मिश्र, दिवाकर मिश्र, कमलाकर मिश्र, भावेश , हरिशंकर, टिकू, आकाश, शिवम, गीता, सपना, रीना, महिमा, जया, पूजा, अनामिका आदि उपस्थित रहे।
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