फतेहपुर कांड: ग्राम सभा की भूमि से बेदखल करने के मामलों में कमजोर पड़ी पैरवी, तहसीलदार रुद्रपुर कोर्ट में चल रहा मुकदमा
फतेहपुर कांड में ग्राम सभा की भूमि से बेदखली के मामलों में पैरवी कमजोर पड़ने की आशंका है। ग्राम प्रधान ने जिलाधिकारी को एक पत्र दिया है। ग्राम पंचायत ...और पढ़ें

फतेहपुर की ग्राम प्रधान ने डीएम को पत्र लिखकर निजी अधिवक्ता रखने की मांग की
जागरण संवाददाता, देवरिया। चर्चित फतेहपुर कांड के आरोपितों को खलिहान, नवीन परती, वन की भूमि से बेदखल करने के मामलों की पैरवी कमजोर पड़ गई है। साक्ष्य होने के बावजूद सरकारी अधिवक्ता मजबूती से पक्ष नहीं रख पा रहे हैं। ग्राम प्रधान ने सरकारी अधिवक्ता के साथ निजी अधिवक्ता रखने की मांग की है। इसके लिए डीएम को पत्र लिखकर सहमति देने का अनुरोध किया है। अवैध कब्जा से बेदखली के पांच मामले रुद्रपुर तहसीलदार के कोर्ट में करीब पौने दो वर्ष से लंबित हैं।
ग्राम प्रधान प्रभावती देवी ने कहा है कि सरकारी भूमि से बेदखली के वादों शीघ्र पैरवी के लिए नामिका अधिवक्ता के साथ निजी अधिवक्ता को रखने की सहमति प्रदान किया जाना आवश्यक है। इसके लिए डीएम से सहमति मांगा है। निजी अधिवक्ता बेदखली के पांच मामलों में नामिका अधिवक्ता के साथ प्रभावी पैरवी करेंगे। रुद्रपुर तहसील के फतेहपुर गांव के लेहड़ा टोले में दो अक्टूबर 2023 को भूमि विवाद में जिला पंचायत के पूर्व सदस्य प्रेमचंद यादव की हत्या के कुछ देर बाद हमलावरों ने सत्यप्रकाश दुबे, उनकी पत्नी किरण, बेटी सलोनी व नंदिनी, बेटे दीपेश उर्फ गांधी की निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी।
यह घटना प्रदेश से लेकर देशभर में सुर्खियाें में था। तब जांच में पता चला था कि जनवरी 2021 से ही सत्यप्रकाश दुबे खलिहान, नवीन परती, वन व मानस इंटर कालेज की भूमि पर कब्जा मामले में लड़ाई लड़ रहे थे।
सामूहिक हत्याकांड के बाद तहसील प्रशासन जागा व पैमाइश के बाद तहसीलदार रुद्रपुर कोर्ट ने खलिहान, वन व परती की भूमि से उप्र राजस्व संहिता 2006 की धारा-67 के तहत प्रेमचंद के पिता हत्यारोपित रामभवन, चाचा परमहंस यादव व गोरख यादव के अवैध निर्माण को बेदखल करने का आदेश दिया।
डीएम कोर्ट ने भी बेदखली के विरुद्ध किए गए अपील को खारिज कर दिया। इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर फिर से तहसीलदार रुद्रपुर के कोर्ट में बेदखली के पांच मामले चल रहे हैं, जिसमें आरोपित रामभवन के विरुद्ध तीन, गोरख व परमहंस के विरुद्ध एक-एक मामले चल रहे हैं।
ग्राम प्रधान ने डीएम को संबोधित सामान्य पत्र दिया है। उनसे ग्राम पंचायत की ओर से प्रस्ताव मांगा गया है, यदि प्रस्ताव प्राप्त होता है तो निजी (प्राइवेट) अधिवक्ता को नामित करने की सहमति प्रदान की जाएगी।
-जलराजन चौधरी, सीआरओ

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