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राजकीय सम्मान के साथ पूर्व मंत्री सुपुर्द-ए-खाक

देवरिया निवासी पूर्व मंत्री शाकिर अली का मेदांता लखनऊ में निधन हो गया। उनका सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 11:13 PM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 11:13 PM (IST)
राजकीय सम्मान के साथ पूर्व मंत्री सुपुर्द-ए-खाक
राजकीय सम्मान के साथ पूर्व मंत्री सुपुर्द-ए-खाक

देवरिया: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री शाकिर अली का 67 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह जिले के गौरी बाजार के करजहां गांव के निवासी थे। वह डायबिटीज व किडनी की बीमारी से पीड़ित थे। उनका इलाज मेदांता हॉस्पिटल (लखनऊ) में चल रहा था।

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सोमवार को पैतृक गांव करजहां स्थित कब्रिस्तान में राजकीय सम्मान के साथ उनका पाíथव शरीर सुर्पुद-ए-खाक किया गया। इस दौरान पुलिस कर्मियों ने गार्ड आफ आनर दिया। इससे पहले प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सूर्यप्रताप शाही, सांसद रविद्र कुशवाहा, जिलाधिकारी अमित किशोर, अपर पुलिस अधीक्षक शिष्यपाल ने पुष्प चक्र अíपत कर श्रद्धांजलि दी। प्रदेश सरकार में दो बार रहे मंत्री

शाकिर अली पहली बार 1993 में सपा-बसपा गठबंधन में गौरी बाजार विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक बने और शिक्षा मंत्री बनाए गए। उसके बाद जब गठबंधन टूटा तो वह सपा के साथ हो गए। सपा सरकार में 2002 में वह लघु सिचाई मंत्री बनाए गए थे। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में गौरी बाजार विधानसभा क्षेत्र का ज्यादा हिस्सा नवसृजित विधानसभा क्षेत्र पथरदेवा में चला गया। इस वजह से शाकिर अली ने पथरदेवा से चुनाव लड़ने का फैसला किया, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे सूर्य प्रताप शाही को शाकिर अली ने हराया, लेकिन पूर्ण बहुमत के साथ बनी अखिलेश यादव सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया, जिससे वह काफी नाराज भी रहे। विधायक बनने के बाद दौड़ाया था रेलवे स्टेशन पर घोड़ा

2012 में पथरदेवा विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनने के बाद ट्रेन से देवरिया रेलवे स्टेशन पहुंचने पर उत्साहित शाकिर अली प्लेटफॉर्म पर उतरते ही घोड़े पर सवार हो गए और प्लेटफॉर्म पर खूब घोड़ा दौड़ाया। इसको लेकर खूब चर्चा में रहे। इसके बाद रेलवे स्टेशन पर नियम विरूद्ध घोड़ा दौड़ाने के मामले में आरपीएफ ने मुकदमा दर्ज किया। प्रोफाइल

स्व. शाकिर अली

पिता-स्व. मंजूर अली

ग्राम-करजहां, गौरीबाजार

जन्म-15 दिसंबर 1953

शिक्षा-स्नातक, काशी हिदू विश्वविद्यालय वाराणसी

राजनीति में सक्रियता- 1989

तीन बार विधायक, दो बार मंत्री

पत्नी-शमीना खातून

पुत्र- तीन, पुत्री-एक

भाई-पांच, बहन-दो


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