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प्रदेश में ई-वे बिल व्यवस्था लागू

देवरिया : प्रदेश में अब पचास हजार से कम रुपये के सामान पर ई-वे बिल व्यवस्था प्रभावी नहीं होगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Aug 2017 11:25 PM (IST)Updated: Fri, 18 Aug 2017 11:25 PM (IST)
प्रदेश में ई-वे बिल व्यवस्था लागू
प्रदेश में ई-वे बिल व्यवस्था लागू

देवरिया : प्रदेश में अब पचास हजार से कम रुपये के सामान पर ई-वे बिल व्यवस्था प्रभावी नहीं होगी। पचास हजार के सामान का परिवहन बिना ई-वे बिल के किया जा रहा है तो अभिग्रहण की कार्रवाई नहीं की जाएगी।

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अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश मंत्री उपेंद्र नाथ त्रिपाठी ने कहा कि उत्तर प्रदेश माल एवं सेवाकर अधिनियम 2017 के प्राविधान के अनुरूप करापवंचन यानी कर चोरी के उद्देश्य से बिना निर्धारित प्रपत्र के माल परिवहन किए जाने की स्थित में वाहन को वाहन को डिटेन या सीज करने की व्यवस्था धारा 129 के तहत की गई है। इस धारा में सचल दल इकाइयों द्वारा कार्रवाई में एकरूपता के उद्देश्य से 16 अगस्त 2017 को परिपत्र संख्या 1168-1781025 को जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी व्यवस्था नई है। अखिल भारतीय स्तर पर ई-वे बिल व्यवस्था लागू होने में अभी कुछ समय लग सकता है। इसलिए उत्तर प्रदेश माल एवं सेवा कर नियमावली के नियम 138 के प्रावधानों के अनुरूप प्रदेश में ई-वे बिल व्यवस्था जो पूर्व में चल रही थी, उसी को लागू किया गया है। इस व्यवस्था को लागू करने के पीछे सिर्फ कर चोरी को रोकना है। सचल दलों को जाच के लिए निर्देश जारी किया गया है। कमिश्नर, वाणिज्यकर, राज्य कर कमिश्नर मुकेश कुमार मेश्राम ने प्रदेश भर के डिप्टी कमिश्नर व असिस्टेंट कमिश्नर को पत्र भेजकर नए आदेश से अवगत कराया है।

श्री त्रिपाठी ने कहा कि सरकार द्वारा जारी निर्देश के तहत सचल दल इकाइयों द्वारा रूटीन जांच कार्य नहीं किया जाएगा, लेकिन नियंत्रक ज्वाइंट कमिश्नर के निर्देश पर सूचना आधारित जांच की जाएगी। 50 हजार से कम के माल के परिवहन पर कोई जांच नहीं होगी। पचास हजार से कम मूल्य का परिवहन बिना ई-वे बिल किया जा रहा है। तब भी इंटरसेप्शन, अभिग्रहण आदि की कार्रवाई नहीं होगी। बिना ई-वे बिल 01 के यदि 50 हजार से अधिक माल का परिवहन किया जा रहा है तो ऐसे माल को रोककर उसके लिए ई-वे बिल डाउनलोड कराया जाएगा। अगर व्यापारी द्वारा ई-वे बिल डाउनलोड कर लिया जाता है तो उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। जहां पर ई-वे बिल अपेक्षित नहीं है, वहां यदि माल टैक्स इनवायस, बिल आफ सप्लाई द्वारा परिवहन किया रहा है तो ऐसे माल को भी नहीं रोका जाएगा। इसमें कोई तकनीकी त्रुटि पाए जाने पर व्यापारी को भविष्य में त्रुटि न करने के लिए अवगत कराया जाएगा। उन्होंने इसको कड़ाई से अनुपालन कराने का निर्देश देते हुए इसमें किसी प्रकार की शिकायत मिलने पर कठोर कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है।


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