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मारीशस में सम्मानित हुए डा. कुशाग्र

रामपुर कारखाना के गौरा निवासी डा.रमाकांत कुशवाहा कुशाग्र को मारीशस की राजधानी पोर्ट लुई में 10वें अंतरराष्ट्रीय उत्सव में अंतरराष्ट्रीय ¨हदी उत्सव सम्मान से सम्मानित किया गया। यह आयोजन दो सितंबर से आठ सितंबर तक चला।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 11:16 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 11:16 PM (IST)
मारीशस में सम्मानित हुए डा. कुशाग्र
मारीशस में सम्मानित हुए डा. कुशाग्र

देवरिया : रामपुर कारखाना के गौरा निवासी डा.रमाकांत कुशवाहा कुशाग्र को मारीशस की राजधानी पोर्ट लुई में 10वें अंतरराष्ट्रीय उत्सव में अंतरराष्ट्रीय ¨हदी उत्सव सम्मान से सम्मानित किया गया। यह आयोजन दो सितंबर से आठ सितंबर तक चला। उन्हें यह सम्मान राष्ट्र भाषा ¨हदी व ¨हदी साहित्य के सृजन, उन्नयन, प्रचार-प्रसार में विशिष्ट योगदान के लिए दिया गया। यह उत्सव ¨हदी प्रचारिणी सभा मारीशस की तरफ से ¨हदी भवन लांग माडटेन पोर्ट लुई में आयोजित था, जिसमें विभिन्न देशों के साहित्यप्रेमी व रंगकर्मी शामिल हुए। इस अवसर पर उनके नवीनतम काव्य संग्रह ढूंढे किसको बंजारा का लोकार्पण भारत देश के मारीशस में उच्चायुक्त अभय ठाकुर व मारीशस में स्थित विश्व ¨हदी सचिवालय के सचिव विनोद मिश्र ने किया।

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डा.कुशाग्र ने कहा कि पूरे मारीशस में भोजपुरी व ¨हदी व्यापक स्तर पर बोली व समझी जाती है। वहां लगता ही नहीं कि हम किसी विदेशी धरती गए थे। करीब 150 वर्ष पूर्व गए भारतीय गिरमिटियों के वंशजों ने खान-पान, रहन-सहन, आचार-विचार आदि को ज्यों का त्यों बरकरार रखा है। मारीशस के आर्थिक विकास व वहां की व्यवस्था में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। वहां के विकास के मेरुदंड हैं।


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