शिव विवाह प्रसंग सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु
मां अष्टभुजी देवी मंदिर अगस्तपार के प्रांगण में भोजपुरी कथा वाचक पं. वीरेंद्र तिवारी ने भगवान शिव व माता पार्वती के विवाह का मार्मिक वर्णन कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।
देवरिया: मां अष्टभुजी देवी मंदिर अगस्तपार के प्रांगण में भोजपुरी कथा वाचक पं. वीरेंद्र तिवारी ने भगवान शिव व माता पार्वती के विवाह का मार्मिक वर्णन कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। उन्होंने कहा कि भगवान महादेव का अपमान होने पर आदि शक्ति सती ने दक्ष प्रजापति के यज्ञ में अपने शरीर का त्याग किया तो भगवान शिव ने अपने गण वीरभद्र को भेजकर दक्ष प्रजापति के यज्ञ को विध्वंस कराया। उसके बाद शिवजी मां सती के वियोग में दिगंबर रूप धारण करके विचरण करने लगे तो पूरे संसार में अंधकार होने लगा और उथल-पुथल मच गया। उन्होंने कहा कि सारे देवता प्रजापति ब्रह्माजी के पास जाकर विनती करने लगे हे प्रजापति भगवान शिव के प्रकोप से संसार के सभी प्राणी भयाक्रांत हैं, भगवान शिव के क्रोध को शांत करने की आप कृपा करें। उसके बाद ब्रह्माजी भगवान विष्णु के पास पहुंचकर देवताओं को प्रार्थना सुनाया उसके बाद ब्रह्मा जी, विष्णु जी, देवताओं को साथ लेकर भगवान महादेव के पास पहुंचे और प्रार्थना किए कि जगत जननी मां सती ने पर्वतराज हिमालय के यहां पार्वती के रूप में अवतार लिया है और उनको आप स्वीकार करें। राजा हिमांचल अपनी पुत्री पार्वती के विवाह की तैयारी करने लगे। इस अवसर शैलेंद्र शाही शैलेंद्र, बालेंद्र सिंह उर्फ राजा भैया, अजीत कुशवाहा, रामानंद, घनश्याम तिवारी, शशि त्रिपाठी, मुन्नीलाल जायसवाल, सुधाकर तिवारी आदि मौजूद रहे।