चयनित निराश्रित बच्चों को दिया गया स्वीकृति पत्र
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का हुआ शुभारम्भकोविड 19 महामारी के दौरान अनाथ निराश्रित बचों का सरकार रखेगी पूरा ख्याल
जागरण संवाददाता, देवरिया: गुरुवार को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का शुभारंभ लोक भवन लखनऊ सभागार में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किया। जिसका सीधा प्रसारण किया गया।
जनपद स्तर पर विकास भवन में कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण के साथ विकास भवन गांधी सभागार में हुआ। जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन, पुलिस अधीक्षक डा. श्रीपति मिश्र की अध्यक्षता एवं सदर विधायक डा. सत्य प्रकाश मणि त्रिपाठी बतौर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। मुख्य विकास अधिकारी शिव शरणप्पा जीएन एवं अपर जिलाधिकारी प्रशासन कुंवर पंकज, सीएमओ डा. आलोक पांडेय मौजूद रहे। योजना के तहत चिन्हित 15 बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का स्वीकृति प्रमाण पत्र भी अतिथियों द्वारा प्रदान किया गया।
मुख्य अतिथि सदर विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कोविड काल से अनाथ हुए बच्चों के प्रति सोच रखा तथा संवेदनशीलता दर्शाते हुए इस योजना के लिए तत्काल आदेश जारी किया और उसका पालन भी शुरु हुआ। उन्होंने कहा कि सरकार ने पीडि़तों, पोषितों के हित में योजनाएं चलाई है।
जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार, जिला बाल संरक्षण अधिकारी जे पी तिवारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी कृष्णकान्त राय, मीनू जायसवाल, नीतू भारती, सीडीपीओ सत्येन्द्र कुमार सिंह आदि उपस्थित थे। माता-पिता को खोने वाले बच्चों का सहारा बनेगी सरकार
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना कोरोना संक्रमण से अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों का सहारा बनेगी। उत्तर प्रदेश ऐसी योजना लागू करने वाला देश का प्रथम राज्य है। ऐसे निराश्रित बच्चों की चिता सरकार को है।
यह बातें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लोक भवन लखनऊ सभागार में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय तथा डिग्री कालेज में अध्ययनरत माता-पिता विहीन बच्चों को गोद लेने के लिए सभी विभागाध्यक्षों एवं कुलपतियों को निर्देशित किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत कुल 4050 बच्चों को चिन्हित किया गया है, इसमें से 240 बच्चों के माता-पिता दोनों की मार्च 2020 से अब तक कोरोना के कारण मृत्यु हो गयी है। ऐसे प्रत्येक परिवार को 4000 रुपये प्रतिमाह भरण-पोषण के लिए दिया जाएगा। उन्होंने सभी 4050 बच्चों के खाते में 4.86 करोड़ रुपये की धनराशि बटन दबाकर आनलाइन स्थानांतरित किया।