सलेमपुर को जिला बनाने के लिए फिर शुरू हुआ आंदोलन
महंत अवेद्यनाथ के नाम पर जिले का नाम रखे जाने की उठी मांग
जागरण संवाददाता, सलेमपुर, देवरिया : सलेमपुर को जिला बनाने की मांग एक बार फिर तेज हो गई है। नगर पंचायत अध्यक्ष जेपी मद्धेशिया ने रविवार से गांधी चौक पर 15 दिवसीय धरना शुरू कर दिया है। 15 अगस्त तक चलने वाले इस धरने में सलेमपुर को जिला बनाने के साथ ही नए जिले का नाम महंत अवेद्यनाथ के नाम पर रखने की मांग मुख्यमंत्री से की है।
सलेमपुर को जिला बनाए जाने की मांग दो दशक पुरानी है। लेकिन इसके लिए क्रमबद्ध आंदोलन 2014 से तेज हो गया। जेपी मद्धेशिया के नेतृत्व में यह आंदोलन 1157 दिनों तक चला था। जिसका सभी दलों ने समर्थन किया था। पिछले साल एक अगस्त को नगर पंचायत अध्यक्ष के नेतृत्व में लोगों ने जिला बनाने के लिए पैदल यात्रा लखनऊ विधानसभा तक निकाली थी। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को ज्ञापन सौंपा था। उसी की वर्षगांठ में इस बार भी गांधी चौक पर आंदोलन शुरू हो गया है। धरने को संबोधित करते हुए जेपी मद्धेशिया ने कहा कि सलेमपुर जिले की सबसे बड़ी तहसील रही है। इस तहसील में कुल 1232 गांव थे। 1997 में भाटपाररानी व बरहज तहसील को अलग कर दिया गया। इसके बावजूद सलेमपुर सबसे बड़ी तहसील है। सलेमपुर मुख्यालय पर जिला स्तरीय अस्पताल, बिजली विभाग का कार्यालय, नलकूप खंड का कार्यालय, आइटीआइ, कन्या राजकीय महाविद्यालय, कन्या राजकीय इंटर कालेज, कृषि विभाग कार्यालय सहित अन्य सुविधाएं हैं। जो जिला बनाने के सारे मानक को पूरा करती हैं। शेषनाथ भाई ने कहा कि जिला बनाने के लिए अब हम लोग चुप नहीं रहेंगे। इस दौरान मनोज कुमार, संतोष कुमार, नागेंद्र वर्मा, अम्बिका प्रजापति, संदीप, हर्षित, अनिरुद्ध बरनवाल आदि ने संबोधित किया।