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स्वास्थ्य सेवा चरमराई, फर्श पर मरीजों का इलाज

इमरजेंसी में भगवान भरोसे है मरीजों का इलाज फर्श व बैठने वाले स्थान पर ही लिटा कर हो रहा मरीजों का इलाज

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 11:53 PM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 11:53 PM (IST)
स्वास्थ्य सेवा चरमराई, फर्श पर मरीजों का इलाज
स्वास्थ्य सेवा चरमराई, फर्श पर मरीजों का इलाज

जागरण संवाददाता, देवरिया: मेडिकल कालेज से संबद्ध जिला चिकित्सालय की इमरजेंसी सेवा पूरी तरह से बदहाल है। इमरजेंसी में आए गंभीर मरीजों को बेहतर ढंग से इलाज नहीं मिल पा रहा है। बेड के अभाव में मरीजों को फर्श पर या बैठने वाले स्थान पर लिटा का उनका इलाज किया जा रहा है। यहां मरीजों का इलाज भगवान भरोसे है। मरीजों की पीड़ा सुनने और देखने वाला कोई नहीं है।

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स्वास्थ्य विभाग की सबसे महत्वपूर्ण चिकित्सा सेवा में इमरजेंसी सेवा को ही बेहतर माना जाता है लेकिन यहां चिकित्सा के नाम पर मरीजों के साथ मजाक किया जा रहा है। यहां आए गंभीर मरीज ओटी में, फर्श पर व बैठने वाले स्थानों पर पड़े रहे लेकिन उन्हें समय से इलाज नहीं मिला। डाक्टर से गायब रहे और वार्ड ब्वाय, फार्मासिस्ट मरीजों का इलाज करते मिले। वार्ड में गंदा चादर कोने में फेंका हुआ मिला। बेड में चढ़ रहा आरएल समाप्त हुआ तो तीमारदार वार्ड ब्वाय को तलाशते हुए आया उसके नहीं मिलने पर दूसरे बेड के एक तीमारदार ने उसे बंद किया। वार्ड में अधिकांश बेड पर चादर नहीं था। चारो तरफ गंदगी बिखरी मिली। एक बेड पर चार-चार लोग बिना मास्क के मौजूद मिले।

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फर्श पर पड़े इलाज के लिए इंतजार करते रहे रामनिहोरा

देवरिया: सलेमपुर क्षेत्र के रामपुर बुजर्ग निवासी रामनिहोरा की तबीयत खराब थी। वह गंभीर रूप से बीमार हैं। स्वजन उन्हें जिला चिकित्सालय की इमरजेंसी ले आए। यहां बेड व डाक्टर के नहीं रहने पर स्वजन उन्हें फर्श पर लिटा दिए। उन्हें कोई देखने और पूछने तक नहीं आया। वह तकरीबन एक घंटे तक यहां इलाज के लिए इंतजार किए, फिर भी उन्हें इलाज नहीं मिला।

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इन्हें समय से नहीं मिला इलाज

देवरिया: तरकुलवा क्षेत्र के नरायनपुर निवासी सत्तन मुसहर की तबीयत अचानक खराब हो गई। उनके स्वजन काफी प्रयास किए लेकिन एंबुलेंस नहीं मिला। गांव के लोगों ने आपस में सहयोग कर बोलेरो मंगाया और उन्हें जिला चिकित्सालय ले आया गया। यहां उन्हें उतारकर स्वजन वार्ड में ले गए। तकरीबन आधा घंटे बाद फार्मासिस्ट ने उनका इलाज शुरू किया। रामअधीन प्रसाद बभलौनी गौरीबाजार, ऋषभ पुत्र राम औतार सिगही, ममता पांडेयपुर, विक्रम यादव सकरापार को भी समय से इलाज नहीं मिला। इन्हें इलाज के लिए इंतजार करना पड़ा।

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इमरजेंसी में आए मरीजों को बेहतर इलाज देने का प्रयास रहता है। मेडिकल कालेज को शुरू करने को लेकर इन दिनों व्यस्तता बढ़ गई है। मैं अभी पता कराता हूं। चिकित्सकों को सख्त निर्देश है कि इमरजेंसी ड्यूटी से लापरवाही नहीं होनी चाहिए।

डा. आनंद मोहन वर्मा

प्रधानाचार्य, महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज


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