डा. हरिओम के तरानों ने बांधा समा
देवरिया महोत्सव की शाम डा. हरिओम के नाम रही। वह जैसे ही मंच पर कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए चढ़े तालियों की गड़गड़ाहट से भीड़ ने उनका अभिवादन किया। उन्होंने सादगी से भरे शायराना अंदाज में भीड़ से अपनी शानदार गजलों के माध्यम से बातें की और संगीत को सभी मर्ज की दवा बताई। एक से बढ़ कर एक गजलों को परोस कर महफिल की सारी तालियां बटोर ली
देवरिया : देवरिया महोत्सव की शाम डा. हरिओम के नाम रही। वह जैसे ही मंच पर कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए चढ़े तालियों की गड़गड़ाहट से भीड़ ने उनका अभिवादन किया। उन्होंने सादगी से भरे शायराना अंदाज में भीड़ से अपनी शानदार गजलों के माध्यम से बातें की और संगीत को सभी मर्ज की दवा बताई। एक से बढ़ कर एक गजलों को परोस कर महफिल की सारी तालियां बटोर ली।
सबसे पहले उन्होंने जरा फिजाओं में चाहत के रंग ढलने दो, अभी ये रात उजालों से भी..प्रस्तुत कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। इसके बाद गजल ढलने लगी है रात करे भी तो क्या करें. तू भी नहीं है साथ करें भी तो क्या करें.प्रस्तुत कर श्रोताओं से अपने आप को जोड़ा। उन्होंने दोनों जहां से जा रहे हैं.वो जा रहा है शबे गम गुजार के गजल को दिल से गाया तो लोगों ने करतल ध्वनि से स्वागत किया। इसके बाद मुझे गले लगाओ ¨जदगी कम है जरा करीब तो आओ ¨जदगी कम है गजल प्रस्तुत कर श्रोताओं पर अमिट छाप छोड़ी। शायराना अंदाज में लोगों से मंच से बाते किए और श्रोताओं की मांग पर कई गजल प्रस्तुत कर का सभी का दिल जीत लिया। यहां डीएम अमित किशोर, प्रतिमा किशोर, एसपी एन कोलांची, एडीएम वित्त एवं राजस्व सीताराम, डा. के ¨सह, डा. आरके श्रीवास्तव, महेंद्र यादव, डा. जेएन पांडेय, डा. सौरभ श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।