यूपी सरकार का एक्शन, निर्माण में मानकों की अनदेखी पर देवरिया के एई निलंबित, कार्य गुणवत्ता को लेकर उठे थे सवाल
जलभराव की समस्या दूर करने के लिए आरसीसी स्टार्म वाटर ड्रेनेज परियोजना के तहत निर्माण कार्य हो रहा है। पिछले वर्ष बारिश में कई जगहों पर नाला ढहने पर गुणवत्ता को लेकर सवाल उठे थे। इसके बाद डीएम की अध्यक्षता में गठित जांच टीम के रिपोर्ट पर कार्रवाई हुई।
देवरिया, जागरण संवाददाता। आरसीसी स्टार्म वाटर ड्रेनेज परियोजना के कार्यों में मानकों की अनदेखी पर शासन ने जल निगम के सहायक अभियंता (नगरीय) अविनाश यादव को निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई डीएम की अध्यक्षता में गठित जांच समिति की रिपोर्ट पर की गई। सहायक अभियंता (एई) को मुख्य अभियंता कार्यालय गोरखपुर से संबद्ध कर दिया गया है। परियोजना के तहत शहर में जलभराव की समस्या दूर करने के लिए नाले का निर्माण कराया जा रहा था।
गुणवत्ता व डिजाइन पर उठे थे सवाल
आरसीसी स्टार्म वाटर ड्रेनेज परियोजना की स्वीकृति 2022 में मिली थी। कार्य भी शुरू करा दिए गए। इसके तहत एक नाला शहर के खोराराम रोड के बगल से कुर्ना नाला तक और दूसरा पुलिस लाइंस तक बनाया जाना है। नाले की लंबाई 8.8 किलोमीटर व लागत 41.33 करोड़ रुपये है। पिछले वर्ष वर्षा में यह नाला कई जगहों पर ढह गया। इससे इसकी गुणवत्ता व डिजाइन पर सवाल खड़े होने लगे तो शासन ने डीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी। समिति में एडीएम वित्त एवं राजस्व नागेंद्र कुमार सिंह और मुख्य अभियंता नगर निगम गोरखपुर संजय चौहान शामिल थे। समिति ने जांच में पाया कि नाले के क्रास सेक्शन का स्ट्रक्चर डिजाइन ठीक नहीं है।
क्या कहते हैं अधिकारी
डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि निर्माण कार्य में लापरवाही सामने आने पर सहायक अभियंता अविनाश यादव को निलंबित कर दिया गया है। मानकों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसका निर्माण कार्य समय से पूरा कराया जाएगा।