झोलाछाप बन गए दंत चिकित्सक
उपनगर सहित ग्रामीण इलाकों में एक दर्जन से अधिक दंत चिकित्सकों के क्लिनिक बिना पंजीकरण चल रहे हैं। विभाग के पास इनका न तो नाम है और न तो कोई रिकार्ड है। विभागीय कार्रवाई नहीं होने से इनके हौसले बुलंद है। विभाग द्वारा जांच करने की सूचना उन्हें पहले मिल जाती है और ये अपना क्लीनिक बंद कर फरार हो जाते हैं।
देवरिया : उपनगर सहित ग्रामीण इलाकों में एक दर्जन से अधिक दंत चिकित्सकों के क्लिनिक बिना पंजीकरण चल रहे हैं। विभाग के पास इनका न तो नाम है और न तो कोई रिकार्ड है। विभागीय कार्रवाई नहीं होने से इनके हौसले बुलंद है। विभाग द्वारा जांच करने की सूचना उन्हें पहले मिल जाती है और ये अपना क्लीनिक बंद कर फरार हो जाते हैं।
उपनगर सहित ग्रामीण इलाकों में करीब दो दर्जन से अधिक दांत के रोगों के क्लिनिक झोलाछाप चला रहे हैं, जिनके खिलाफ विभाग जांच कर कारवाई भी नहीं करता। नगर के अलावा ग्रामीण इलाकों में रामलक्षन, पचलड़ी, पकडी बाजार पर बेखौफ होकर नर्सिंग होम संचालित किए जा रहे हैं। इनमें कुछ क्लिनिक तो ऐसे हैं जो बिना होर्डिंग लगाए गोपनीय तरीके से संचालित किए जा रहे हैं। जिसे जानते हुए भी विभाग अंजान बना हुआ है। आलम यह है कि ग्रामीण इलाकों मे धड़ल्ले से इनकी प्रैक्टिस नीम हकीम खतरे जान की तर्ज पर चल रही है। खास बात यह है कि मरीजों को अपने जाल में फंसाने के लिए लाखों की मशीन भी चिकित्सालय में लगा लिए हैं। बावजूद इसके विभाग के जिम्मेदारों द्वारा इनके खिलाफ कठोर कार्रवाई भी नहीं की जाती। हद तो यह है दांतों की आरसीटी भी करते हैं। इस बारे में पूछे जाने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डाक्टर धर्मेंद्र सिंह ने कहा शीघ्र इस तरह के दंत चिकित्सकों के खिलाफ अभियान चला कर कार्रवाई की जाएगी ।
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