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मृत किसान होंगे चिह्नित, रोकी जाएगी पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त

जिले में 4.40 लाख किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ पा रहे हैं। कई किसानों की मृत्यु हो चुकी है लेकिन उसका ब्योरा कृषि विभाग के पास नहीं है। वहीं प्रदेश सरकार ने वरासत दर्ज कराने के लिए अभियान चलाया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 12:45 AM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 12:45 AM (IST)
मृत किसान होंगे चिह्नित, रोकी जाएगी पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त
मृत किसान होंगे चिह्नित, रोकी जाएगी पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त

देवरिया: जिन किसानों की मृत्यु हो चुकी है और उनकी वरासत दर्ज कराने की कार्रवाई की गई है। ऐसे किसानों को चिह्नित कर पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त रोकी जाएगी। साथ ही नए वित्तीय वर्ष में नए किसानों को इस योजना का लाभ दिए जाने की तैयारी है। इसके लिए जिले में अभियान शुरू हो गया है।

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जिले में 4.40 लाख किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ पा रहे हैं। कई किसानों की मृत्यु हो चुकी है लेकिन उसका ब्योरा कृषि विभाग के पास नहीं है। वहीं प्रदेश सरकार ने वरासत दर्ज कराने के लिए अभियान चलाया है। इसको देखते हुए कृषि विभाग ने राजस्व विभाग के माध्यम से चलाए जा रहे वरासत अभियान को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जोड़ने की तैयारी की है। वरासत अभियान में जिन मृतक किसानों के वरासत दर्ज हुए हैं। यदि वह पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी रहे हैं तो उनकी किस्त रोकी जाएगी। उनके वारिसों को ओपेन सोर्स के माध्यम से नए लाभार्थी के रूप में पंजीकृत कराया जाएगा। पंजीकरण के बाद अभिलेख प्राप्त करते हुए पात्रता का सत्यापन करते हुए उनके प्रार्थना पत्रों पर निर्णय लिया जाएगा। दर्ज वरासत का ब्योरा जैसे नाम, पिता का नाम, ग्राम, तहसील व मोबाइल नंबर कृषि विभाग के अधिकारियों को तहसील प्रशासन उपलब्ध कराया जाएगा। कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव डा.देवेश चतुर्वेदी ने इस संबंध में डीएम व उप निदेशक कृषि को पत्र भेजकर 31 मार्च से पूर्व यह कार्रवाई पूरी करने का निर्देश दिया है। कहा है कि सत्यापन कर मृतक किसानों के अगली किस्त का भुगतान रोककर डाटाबेस में सुधार करें। जिससे अप्रैल में नई किस्त मृतक किसानों के बैंक खाते में न जा सके और पात्र वारिसों को शीघ्र लाभ मिलना शुरू हो सके।

उपनिदेशक कृषि डा.एके मिश्र ने बताया कि मुख्य राजस्व अधिकारी के माध्यम से सभी एसडीएम को पत्र भेजा गया है। जिन किसानों के वरासत दर्ज हो गए हैं वह इस योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन करें।


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