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आने को है मानसून, बाढ़ बचाव की फाइल अटकी

देवरिया की चार परियोजना का धन स्वीकृत होने के बाद भी अब तक धन अवमुक्त नहीं हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 02:56 PM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 02:56 PM (IST)
आने को है मानसून, बाढ़ बचाव की फाइल अटकी
आने को है मानसून, बाढ़ बचाव की फाइल अटकी

जागरण संवाददाता, देवरिया: जनपद के कछार क्षेत्र में कटान स्थल और तटबंधों की मरम्मत से जुड़ी आठ परियोजनाओं की फाइल शासन में अटकी है। धन अवमुक्त न होने से यहां अब तक मरम्मत कार्य शुरू नहीं हो सका है, जबकि मानसून में महज एक माह शेष है। बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील इन स्थानों पर अगर समय रहते कार्य पूर्ण नहीं कर लिया गया तो, बरसात में यहां काम करना मुमकिन नहीं होगा।

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शासन में जो परियोजनाएं लंबित हैं, उसमें राप्ती नदी तट पर बनने वाले तिघरा-मराछी तटबंध के भेड़ी स्थित कटान स्थल व मदनपुर-केवटलिया तटबंध की मरम्मत का काम शामिल है। इसके अलावा गोर्रा नदी के तट पर भुसवल-पिड़रा तटबंध के बीच भुसवल गांव के पास कटान निरोधी परियोजना भी फाइलों में अटकी है। देसही देवरिया में छोटी गंडक नदी पर शाहजहांपुर, सरयू नदी तट पर चुरिया तटबंध, तरकुलवा में गंडक नदी पर कटानरोधी कार्य एवं छोटी गंडक नदी पर बैकुंठपुर गांव के तटबंध पर कटानरोधी कार्य के लिए अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। चार परियोजनाओं के लिए धन स्वीकृत

शासन ने चार परियोजनाओं के लिए 27 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। इसमें नगवा-छपरा तटबंध के किमी 8.150 से 8.430 के मध्य डढि़या में कटान स्थल पर बाढ़ बचाव समेत तिघरा-मराछी तटबंध के 1.00 से 1.70 किमी के मध्य करहकोल के समीप, छित्तूपुर-भागलपुर तटबंध 0.900 से 1.40 किमी के बीच बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य के लिए 27 करोड़ रुपये अवमुक्त किए गए हैं। दहशत में हैं बाशिंदे

करहकोल गांव के अखंड प्रताप सिंह ने कहा कि हर साल बांध बचाव के लिए फाइल भेजने की बात सुनी जाती है लेकिन काम नहीं होता। माझा नरायन के रविंद्र मौर्य भी बांध बचाव के लिए ध्यान देने की जरूरत पर जोर देते हैं। नीबा के महेंद्र नाथ शुक्ल ने इसके लिए सरकार व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता को जिम्मेदार ठहराया। नगवा के बलवंत राव, एकौना के मिथिला यादव, भेड़ी के शिवाकांत शुक्ल, कोड़र के गामा यादव, धर्मपुर के बहाल यादव, नरायनपुर के लक्ष्मी आदि ने सरकार से बाढ़ बचाव की परियोजनाओं के लिए धन स्वीकृत करने की मांग की।

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लंबित परियोजनाओं के पुनर्मूल्यांकन के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। चार परियोजनाओं के लिए स्वीकृति मिली है, जिसकी प्रक्रिया चल रही है।

नरेंद्र जाडिया, अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड


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