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80.89 करोड़ की बाढ़ बचाव परियोजनाओं पर ग्रहण

विवेकानंद मिश्र, देवरिया : बाढ़ से बचाव का देवरिया में हाल बेहाल है। बाढ़ बचाव के लिए परि

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 10:13 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 10:13 PM (IST)
80.89 करोड़ की बाढ़ बचाव परियोजनाओं पर ग्रहण
80.89 करोड़ की बाढ़ बचाव परियोजनाओं पर ग्रहण

विवेकानंद मिश्र, देवरिया :

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बाढ़ से बचाव का देवरिया में हाल बेहाल है। बाढ़ बचाव के लिए परियोजनाएं तो बनी, लेकिन उन्हें अमलीजामा नहीं पहनाया सका है। वजह है धन की कमी। जिले से भेजी गई 80.89 करोड़ बचाव परियोजनाएं शासन से मंजूरी और धन के अभाव में अटकी हुई है। अफसरों का कहना है कि शासन से समय से धन नहीं मिल पा रहा है। अगर समय रहते धन मिला तो बाढ़ आने पर जनपद को बड़ी तबाही से बचाया नहीं जा सकेगा।

नदियों की गोद में बसे देवरिया जनपद का बाढ़ और नुकसान का पुराना नाता है। घाघरा, राप्ती, गोर्रा औार छोटी गंडक जनपद में हर साल तबाही मचाती है। बरते पांच वर्ष में कई गांवों का वजूद खत्म हो चुका है तो कई अपने अस्तित्व के लिए लहरों से जंग लड़ रहे हैं। पिछले साल बाढ़ के दौरान रुद्रपुर व बरहज में घाघरा, राप्ती व गोर्रा ने खूब कहर ढाया। तट बंध टूटने से छह लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और करोड़ों रूपये की संपत्ति का नुकसान हुआ। बाढ़ के दौरान पीड़ितों से बचाव के बड़े-बड़े दावे करने वाले जनप्रतिनिधि व अफसर बाढ़ खत्म होने के बाद जनता का दर्द भूल गए। मानसून की उल्टी गिनती के बीच अति संवेदनशील तिघड़ा-मराछी तटबंध को देख ग्रामीणों को पिछले साल बाढ़ के दौरान मिले घाव फिर से हरे होने लगे हैं। किमी 16 से 17 के मध्य कटान से तटबंध की स्थिति जर्जर हो गई है। कटलवा में गांव के निकट घाघरा की कटान शुरू हो चुकी है। गांव को बचाने के लिए बने बंबोक्रेट भी खतरे में पड़ गए हैं। छोटी गंडक नदी शाहजहांपुर के निकट भीषण कटान कर रही है। --

बाढ़ के दौरान पानी के दबाव से तटबंधों को बचाने के लिए शासन को भेजी गई बचाव परियोजनाएं विभिन्न स्तर पर अटकी हुई हैं। कई को तो मंजूरी मिल भी चुकी है, लेकिन अधिकांश शासन में विचाराधीन हैं। धन के अभाव में तटबंधों की पूर्ण मरम्मत संभव नहीं है, जो संसाधन उपलब्ध हैं उन्हीं के सहारे अत्यंत जरूरी कार्य कराने का प्रयास किया जा रहा है।

- राजेन्द्र प्रसाद, अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड, देवरिया यह परियोजनाएं शासन में है लंबित

- बरहज तहसील क्षेत्र के कपरवार संगम तट से ग्राम कटइलवा तक घाघरा के किनारे तीन किमी लंबाई में ¨रग बांध, ठोकर व कटर्स का निर्माण। लगभग 55 करोड़ की परियोजना जीएफसीसी पटना में लंबित।

- भागलपुर-छित्तुपुर तटबंध पर देवसिया के निकट घाघरा नदी के किनारे बोल्डर पि¨चग व कटर्स का निर्माण 9.97 करोड़ की लागत से होना है।

- मदनपुर-केवटलिया तटबंध पर केवटलिया के निकट डेंपनर तीन पर राप्ती की कटान रोकने के लिए छह लाख की लागत से बंबोक्रेट का निर्माण।

- रुद्रपुर में पचलड़ी तंटबंध के ग्राम ईश्वरपूरा, पचलड़ी व पलिया सुल्तानी के निकट गोर्रा की कटान रोकने के लिए 20 लाख की लागत से बंबोक्रेट व कटर का निर्माण होना है।

- तिघड़ा-मराछी तटबंध के किमी 16-17 के बीच राप्ती की कटान रोकने के लिए बोल्डर पि¨चग की 9.46 करोड़ की परियोजना शासन को भेजी गई है। मंजूरी नहीं मिल सकी है।

- हेतिमपुर तटबंध के ग्राम शाहजहांपुर के निकट छोटी गंडक की कटान रोकने के लिए 10 लाख की लागत से बंबोक्रेट का निर्माण।

- हेतिमपुर तटबंध के ग्राम शाहजहांपुर के निकट गांव को बचाने के लिए स्थाई बोल्टर पि¨चग व कटर्स के निर्माण के लिए 6.10 करोड़ की परियोजना जीएफसीसी पटना में लंबित है।


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