97.89 करोड़ की बाढ़ परियोजनाओं को मंजूरी का इंतजार
बाढ़ से बचाव का देवरिया में हाल बेहाल है। बाढ़ बचाव के लिए परियोजनाएं तो बनी, लेकिन उन्हें पूरी तरह से अमलीजामा नहीं पहनाया सका है। वजह है धन की कमी। जिले से भेजी गई 97.89 करोड़ की दर्जन भर परियोजनाओं में मात्र तीन परियोजनाओं को ही मंजूरी मिल सकी है।
देवरिया : बाढ़ से बचाव का देवरिया में हाल बेहाल है। बाढ़ बचाव के लिए परियोजनाएं तो बनी, लेकिन उन्हें पूरी तरह से अमलीजामा नहीं पहनाया सका है। वजह है धन की कमी। जिले से भेजी गई 97.89 करोड़ की दर्जन भर परियोजनाओं में मात्र तीन परियोजनाओं को ही मंजूरी मिल सकी है। 80.89 करोड़ की परियोजनाएं शासन से मंजूरी के अभाव में शासन की फाइलों में अटकी हुई है। देवरिया में घाघरा, राप्ती, गोर्रा और छोटी गंडक हर साल तबाही मचाती है। पांच वर्ष में कई गांवों का वजूद खत्म हो चुका है तो कई अपने अस्तित्व के लिए लहरों से जंग लड़ रहे हैं। पिछले साल बाढ़ के दौरान रुद्रपुर व बरहज में घाघरा, राप्ती व गोर्रा ने खूब कहर ढाया। कपरवार संगम तट पर इस वर्ष घाघरा की कटान शुरू हो चुकी है।
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तटबंधों को बचाने के लिए शासन को भेजी गई बचाव की परियोजनाएं विभिन्न स्तर पर अटकी हुईं हैं। कई को तो मंजूरी मिल भी चुकी है, लेकिन अधिकांश शासन में विचाराधीन हैं।
-राजेंद्र प्रसाद, अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड
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लंबित प्रमुख परियोजनाएं
-कपरवार संगम तट से ग्राम कटइलवा तक घाघरा के किनारे तीन किमी, 55 करोड़ की लागत से ¨रग बांध, ठोकर व कटर्स का निर्माण।
-भागलपुर-छित्तुपुर तटबंध पर देवसिया के निकट घाघरा नदी के किनारे 9.97 करोड़ से बोल्डर पि¨चग व कटर्स का निर्माण।
-तिघड़ा-मराछी तटबंध के किमी 16-17 के बीच कटान रोकने के लिए 9.46 करोड़ से बोल्डर पि¨चग।
-हेतिमपुर तटबंध के ग्राम शाहजहांपुर के निकट गांव को बचाने के लिए 6.10 करोड़ से बोल्डर पि¨चग व कटर्स का निर्माण।
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