राजस्व न्यायालयों में बढ़े मुकदमे
जनपद के राजस्व न्यायालयों में लंबित मुकदमों का निस्तारण समय से नहीं हो पा रहा है। इसके चलते वादकारियों को समय से न्याय नहीं मिल पा रहे हैं।
देवरिया : जनपद के राजस्व न्यायालयों में लंबित मुकदमों का निस्तारण समय से नहीं हो पा रहा है। इसके चलते वादकारियों को समय से न्याय नहीं मिल पा रहे हैं। बात चाहें तहसील के न्यायालयों की करें या कलेक्ट्रेट स्थित राजस्व न्यायालयों की। निस्तारण न होने से लोगों को मायूसी हाथ लग रही है। वादकारी तारीख लेकर लौटने को विवश हैं।
जनपद मुख्यालय पर जिलाधिकारी के अलावा एडीएम वित्त एवं राजस्व, एडीएम प्रशासन, मुख्य राजस्व अधिकारी, अपर उपजिलाधिकारी द्वितीय का न्यायालय है। इन न्यायालयों की बात करें तो एडीएम प्रशासन व मुख्य राजस्व अधिकारी का पद नौ मई से खाली चल रहा था। मुख्य राजस्व अधिकारी राम सहाय यादव व एडीएम प्रशासन राकेश कुमार पटेल ने इसी माह कार्यभार ग्रहण किया है, लेकिन अभी इन अफसरों का न्यायालय सुचारू रूप से नहीं चल रहा है। तहसीलों की बात करें तो एसडीएम, तहसीलदार, तहसीलदार न्यायिक, नायब तहसीलदार के न्यायालय भी प्रशासनिक व्यस्तता के चलते तय मानक से कम ही चल पा रहे हैं। यही वजह है वादकारियों को तारीख-दर-तारीख आना पड़ है। इन न्यायालयों में भूमि का बंटवारा, पत्थरनसब, नक्शा दुरुस्ती आदि मुकदमों की सुनवाई होती है। जबकि शासन की तरफ से राजस्व वादों के संबंध में समय-समय पर दिशा-निर्देश दिए जाते हैं, जिसका अनुपालन नहीं हो पा रहा है। शासन ने न्यायिक कार्य में रूचि न लेने वाले व निर्धारित मानक या दायरे के अनुरूप वाद निस्तारित न करने वाले पीठासीन अधिकारियों को चिह्नित करने को कहा था, लेकिन यह महज कागजी साबित हुआ।
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लंबित हैं 21816 मुकदमे
जनपद के सभी राजस्व न्यायालयों में 21816 मुकदमे लंबित हैं, इसमें मुख्यालय स्थित राजस्व न्यायालयों में 2902, देवरिया सदर तहसील के राजस्व न्यायालयों में 6863, सलेमपुर में 4832, रुद्रपुर में 2887, बरहज में 1972, भाटपाररानी में 2360 मुकदमे लंबित हैं। एक साल से अधिक अवधि के लंबित वादों की संख्या 3814, तीन वर्ष से अधिक व पांच वर्ष से कम अवधि के लंबित वादों की संख्या 2666, पांच वर्ष से अधिक अवधि के लंबित वादों की संख्या 1412 है।
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राजस्व वादों के निस्तारण में तेजी आएगी। मुख्य राजस्व अधिकारी, एडीएम प्रशासन व दो तहसीलदार न्यायिक आ गए हैं। सभी राजस्व न्यायालयों में अधिकारी बैठ रहे हैं। वादों का निस्तारण शासन के तय निर्देशों के मुताबिक हो रहा है।
-सीताराम गुप्ता, एडीएम वित्त एवं राजस्व
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