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आठवीं तक के बच्चों को मिलेगा बकाया खाद्य सुरक्षा भत्ता

कोरोना काल में लाकडाउन व ग्रीष्मावकाश की अवधि में मध्याह्न भोजन योजना से आच्छादित विद्यालयों में नामांकित छात्र-छात्राओं को खाद्यान्न व अभिभावकों के खाते में परिवर्तन लागत उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 01:12 AM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 01:12 AM (IST)
आठवीं तक के बच्चों को मिलेगा बकाया खाद्य सुरक्षा भत्ता
आठवीं तक के बच्चों को मिलेगा बकाया खाद्य सुरक्षा भत्ता

देवरिया: परिषदीय विद्यालयों व अन्य अनुदानित विद्यालयों के आठवीं तक के छात्रों को बकाया खाद्य सुरक्षा भत्ता दिए जाने की तैयारी है। बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से इसके लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। 19 अप्रैल तक भत्ता से वंचित बच्चों को धन उपलब्ध करा दिया जाएगा। प्रत्येक दशा में प्रधानाध्यापकों व प्रधानाचार्यों को 22 अप्रैल तक संबंधित ब्लाक संसाधन केंद्र पर उपभोग प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना होगा। वित्तीय वर्ष 2020-21 में एमडीएम के संचालन व परिवर्तन लागत के लिए 41.81 करोड़ रुपये बजट मिला था।

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कोरोना काल में लाकडाउन व ग्रीष्मावकाश की अवधि में मध्याह्न भोजन योजना से आच्छादित विद्यालयों में नामांकित छात्र-छात्राओं को खाद्यान्न व अभिभावकों के खाते में परिवर्तन लागत उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई। 24 मार्च 2020 से 28 फरवरी तक 2021 तक प्राथमिक विद्यालय व 24 मार्च से 10 फरवरी 2021 तक उच्च प्राथमिक विद्यालय बंद रहे। शासन ने 24 मार्च 2020 से 31 अगस्त 2020 तक 76 व 49 दिनों का खाद्यान्न व परिवर्तन लागत का भुगतान कर दिया। एक सितंबर 2020 से 28 फरवरी 2021 तक यानी 138 दिन प्राथमिक विद्यालय व एक सितंबर 2020 से नौ फरवरी 2021 तक कुल 124 दिन तक उच्च प्राथमिक विद्यालय बंद रहे। इस अवधि का खाद्यान्न व परिवर्तन लागत दिए जाने की तैयारी है। उच्च प्राथमिक विद्यालय के छात्रों को 124 दिन का 18.600 किग्रा खाद्यान्न यानी 12.40 किग्रा चावल व 6.200 किग्रा गेहूं, परिवर्तन लागत 923 रुपये प्रति छात्र दिया जाएगा। प्राथमिक विद्यालय के छात्रों को 138 दिन का 13.800 किग्रा खाद्यान्न यानी चावल 9.2 किग्रा व गेहूं 4.600 किग्रा, परिवर्तन लागत 685 रुपये प्रति छात्र उपलब्ध कराया जाएगा।

बीएसए संतोष कुमार राय ने बताया कि सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को डीएम की तरफ से निर्देश दिए गए हैं। संबंधित प्रधानाध्यापक व प्रधानाचार्य तय समय के भीतर उपभोग प्रमाण पत्र संबंधित बीआरसी पर उपलब्ध कराएंगे।


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