Move to Jagran APP

सत्यापन में 11913 बच्चे मिले फर्जी

जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चों का सत्यापन कराने के बाद 11913 पंजीकृत बच्चे फर्जी मिले हैं। इसमें छह माह से छह वर्ष के बच्चों को शामिल किया गया है। सर्वाधिक बच्चे तीन से छह वर्ष वाले हैं। इन बच्चों को निर्धारित मात्रा में पोषाहार वितरित किया जाता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 11:06 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 11:06 PM (IST)
सत्यापन में 11913 बच्चे मिले फर्जी
सत्यापन में 11913 बच्चे मिले फर्जी

देवरिया : जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चों का सत्यापन कराने के बाद 11913 पंजीकृत बच्चे फर्जी मिले हैं। इसमें छह माह से छह वर्ष के बच्चों को शामिल किया गया है। सर्वाधिक बच्चे तीन से छह वर्ष वाले हैं। इन बच्चों को निर्धारित मात्रा में पोषाहार वितरित किया जाता है।

prime article banner

जिले में कुल 3243 आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित हैं, जिसमें देवरिया नगर के 268 आंगनबाड़ी केंद्र शामिल हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों पर कुल 332530 बच्चे पंजीकृत हैं। प्रमुख सचिव के निर्देश पर सितंबर में पोषण माह के दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चों का सत्यापन कराया था, जिसमें 11913 बच्चे फर्जी पाए गए हैं। इसमें छह माह से तीन वर्ष के 3746 तथा तीन से छह वर्ष तक के 8167 फर्जी बच्चे शामिल हैं। सत्यापन के बाद फर्जी वहीं बच्चे मिले, जिनका पंजीकरण दो स्थानों पर हो। इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा कुछ फर्जी पंजीकरण भी किए गए है, जिनकी कारगुजारी सत्यापन के बाद उजागर हुआ है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अधिक संख्या में फर्जी बच्चों का नाम पंजीकृत किया है। इन बच्चों का पोषाहार भी उठान कर बेच दिया जाता रहा है।

-------------------------------------

फर्जी बच्चों के नाम पर पोषाहार की होती रही कालाबाजारी

देवरिया : आंगनबाड़ी केंद्रों पर भेजे जाने वाले पोषाहार की कालाबाजारी बड़े पैमाने पर होती है। यह वहीं बच्चे है, जिनके नाम पोषाहार का उठान कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बाजार में बेचकर अपना जेब भरते हैं। सदर रेलवे स्टेशन पर कई बार बेचने के लिए बिहार ले जाते समय पोषाहार पकड़ा जा चुका है। कई बार पकड़े जाने के बाद भी पोषाहार की कालाबाजारी नहीं रुकी।

------------------------------------

शासन के प्रमुख सचिव के निर्देश पर पोषण माह में पंजीकृत बच्चों का सर्वे कराया गया था, जिसमें छह माह से तीन वर्ष और तीन से छह वर्ष के कुल 11913 बच्चे फर्जी मिले है, जिनका नाम सूची से काट दिया गया है। पहले काट कुक्क दिया जाता था, लेकिन एक वर्ष से अधिक हो गया बजट ही नहीं मिला है। अब सिर्फ पोषाहार वितरित किया जाता है। अभी बच्चों का नाम आधार से ¨लक नहीं किया जा रहा है। हालांकि बेवसाइट तैयार कर ली गई है। आधार बनाने की मशीन मिलने के बाद शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों का आधार कार्ड बनवाकर उनको ¨लक कर दिया जाएगा।

-सत्येंद्र कुमार ¨सह, जिला कार्यक्रम अधिकारी, देवरिया

------------------------------------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.