प्रेमी ने धोखा दिया तो उसे खोजते हुए छत्तीसगढ़ की युवती पहुंची देवरिया, प्रेमी गांव छोड़ फरार
प्रेम में धोखा खाई छत्तीसगढ़ की एक युवती अपने प्रेमी को खोजते-खोजते देवरिया पहुंच गई। पीड़िता ने बताया कि इमरान उसे प्रेम में फंसाकर गुजरात भगाकर ले गया। सूरत में उसे रखकर कई माह तक दुष्कर्म किया। इसके बाद उसे छोड़कर दूसरी जगह रहने लगा।
देवरिया, जेएनएन। छत्तीसगढ़ की एक युवती रात देवरिया थाने पहुंची। उसने पुलिस को बताया कि चांदकेवारी गांव के अजिमुला का पुत्र मो. इमरान ने उसके साथ कई माह तक दुष्कर्म किया। उसे खोजने यहां आई तो वह नहीं मिला।
सूरत ले जाकर कई माह तक दुष्कर्म किया
पीड़िता ने बताया कि इमरान उसे प्रेम में फंसाकर गुजरात भगाकर ले गया। सूरत में उसे रखकर कई माह तक दुष्कर्म किया। इसके बाद उसे छोड़कर दूसरी जगह रहने लगा। सूरत में थाने में उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है। आरोपित के छोड़कर भागने पर वह खोजते हुए उसके गांव पहुंची, लेकिन वह नहीं मिला। लोगों ने समझाकर युवक के स्वजन से युवती को एक हजार रुपये दिलाकर वापस छत्तीसगढ़ भेजने को कहा।
सूरत में दर्ज है मुकदमा
थानाध्यक्ष उदय कुमार सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ से एक युवती चांदकेवारी के युवक को खोजते हुए आई थी। युवक घर से फरार हो गया। पीड़िता ने सूरत थाने में मुकदमा कराया है। युवक के यहां नहीं मिलने पर वापस चली गई।
डीएम ने कहा, पाक्सो के मुकदमों में प्रभावी कार्रवाई करें
कलेक्ट्रेट सभागार में पाक्सो (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम ) के तहत दर्ज मामलों के निस्तारण समीक्षा की गई। डीएम ने मुकदमों में प्रभावी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने छह माह से अधिक समय से लंबित प्रकरणों की सूची मांगी। कहा कि त्वरित निस्तारण करना शासन की प्राथमिकता है। किसी भी स्तर पर कोताही न बरतें। जनपद में पाक्सो के तहत 550 मुकदमे दर्ज हैं। जिनकी सुनवाई तीन न्यायालयों में विभिन्न चरणों पर हो रही है। दो न्यायालयों में वर्तमान समय में न्यायाधीश की तैनाती न होने से केस के निस्तारण की गति प्रभावित हो रही है।
संयुक्त निदेशक अभियोजन अतुल ओझा ने बताया कि पाक्सो के अधीन दर्ज दो प्रकरणों में एफएसएल रिपोर्ट नहीं मिलने से कार्यवाही लंबित है। जिस पर एसपी संकल्प शर्मा ने शीघ्र रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिए। इस वर्ष पाक्सो के 12 प्रकरणों में निर्णय न्यायालय ने सुनाया है, जिसमें तीन में दोषियों को आजीवन कारावास की सजा हुई है। बैठक के शुरू में डीएम ने ड्रेसकोड का उल्लंघन करने पर डीजीसी क्रिमिनल को बैठक से बाहर जाने का निर्देश दिया। वह बैठक में कुर्ता-पायजामा पहन कर आए थे। जिस पर डीएम ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। बैठक में एडीएम प्रशासन गौरव श्रीवास्तव, एएसपी डा.राजेश सोनकर, ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी राजीव कुमार आदि मौजूद रहे।