सीबीआइ ने उपनिरीक्षक से विवेचना की जानी स्थिति
शुक्रवार को सीबीआइ की दो सदस्यीय टीम ने मामले की विवेचना कर रहे उपनिरीक्षक बृजेश दुबे से विवेचना की स्थिति जानी और अन्य साक्ष्य के बारे में भी जानकारी ली।
देवरिया: लखनऊ के रियल एस्टेट कारोबारी का अपहरण कर देवरिया जेल में हुई पिटाई के मामले की जांच कर रही सीबीआइ की दो सदस्यीय टीम शुक्रवार को दिन भर डाक बंगला में जमी रही। इस दौरान प्रकरण से जुड़े एक मामले की विवेचना कर रहे कोतवाली के विवेचक को भी बुलाकर जानकारी ली। साथ ही घटना से जुड़ी पत्रावलियों को भी खंगाला। माना जा रहा है कि एक से दो दिन में यह टीम जिला कारागार भी जा सकती है।
लखनऊ के आलमबाग के विश्वेश्वर नगर निवासी मोहित जायसवाल रियल एस्टेट के कारोबारी है। 26 दिसंबर 2018 को लखनऊ से अपहरण कर उन्हें देवरिया लाया गया। मोहित ने आरोप लगाया था कि जेल में बंद बाहबुली अतीक अहमद व उसके गुर्गों ने उसकी पिटाई की। साथ ही उनकी दो कंपनियों को भी जबरिया हड़पते हुए कागजात पर हस्ताक्षर करा लिया। इस मामले की जांच सीबीआइ कर रही है। इस घटना से जुड़े लोगों पर सीबीआइ का शिकंजा पहले ही कस चुका है। शुक्रवार को सीबीआइ की दो सदस्यीय टीम ने मामले की विवेचना कर रहे उपनिरीक्षक बृजेश दुबे से विवेचना की स्थिति जानी और अन्य साक्ष्य के बारे में भी जानकारी ली। कुछ लोगों को पूछताछ के लिए टीम जल्द ही बुला सकती है।
हिरासत में लिए गए सपा नेताओं को पुलिस ने छोड़ा
देवरिया: बिना अनुमति आंदोलन कर सरकार का पुतला जलाने के मामले में गुरुवार की देर रात पुलिस ने समाजवादी युवजन सभा के जिलाध्यक्ष समेत चार सपा नेताओं को हिरासत में लिया था। इन्हें पुलिस ने मुचलका पर छोड़ दिया। इनमें सयुस जिलाध्यक्ष रणवीर यादव निवासी सोनाड़ी उसरा टोला थाना भलुअनी, हरिओम यादव निवासी दानोपुर, विजय रावत निवासी कस्तूरबा रोड बांस देवरिया व रामप्रीत निवासी उमानगर थाना कोतवाली शामिल थे।