देवरिया में बर्निग होते-होते बची पैसेंजर ट्रेन
देवरिया जनपद के सलेमपुर कोतवाली के ग्राम भीमपुर के समीप मंगलवार की दोपहर बाद भटनी-वाराणसी रेल खंड पर भटनी से वाराणसी जा रही पैसेंजर ट्रेन के इंजन में अचानक आग लग गई। चालक ने तत्काल ट्रेन को रोक कर लोगों के सहयोग से इंजन को अलग कराया। चालक की सूझ-बूझ से बड़ा हादसा होने से बच गया
देवरिया : देवरिया जनपद के सलेमपुर कोतवाली के ग्राम भीमपुर के समीप मंगलवार की दोपहर बाद भटनी-वाराणसी रेल खंड पर भटनी से वाराणसी जा रही पैसेंजर ट्रेन के इंजन में अचानक आग लग गई। चालक ने तत्काल ट्रेन को रोक कर लोगों के सहयोग से इंजन को अलग कराया। चालक की सूझ-बूझ से बड़ा हादसा होने से बच गया। अग्निशमन विभाग की दो गाड़ियों ने काफी प्रयास के बाद आग पर काबू पाया। मौके पर रेलवे के अधिकारियों के साथ ही पुलिस के भी अधिकारी मौजूद रहे। आग बुझने के बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली। सवा तीन घंटे बाद रेल खंड पर ट्रेनों का संचलन शुरू हो सका। घटना का कारण इंजन में शार्ट सर्किट बताया जा रहा है।
भटनी से वाराणसी जाने वाली पैसेंजर ट्रेन 55123 भटनी से दो बजकर पांच मिनट पर वाराणसी के लिए चली। लगभग दो बजकर 20 मिनट पर ट्रेन अभी पिवकोल व सलेमपुर रेलवे स्टेशन के बीच भीमपुर गांव के समीप पहुंची थी कि अचानक इंजन में आग लग गई। चालक एमके मौर्या व सहायक मोहम्मद कयूम ने तत्काल ट्रेन को रोक दी। पहले इंजन के आग को बुझाने का प्रयास किया, लेकिन आग बढ़ती देख दोनों ने बोगी खाली कराया। इसके बाद इंजन व बोगी को यात्रियों व ग्रामीणों के सहयोग से अलग कराकर लगभग 30 मीटर दूर कराया। चालक की सूचना पर रेल यातायात निरीक्षक अनिल यादव, आरपीएफ इंस्पेक्टर, जीआरपी, सलेमपुर सीओ, कोतवाल मौके पर पहुंचे और अग्निशमन यंत्र से आग को बुझाने का प्रयास कराए, लेकिन सफल नहीं हो सके। कुछ देर बाद अग्निशमन विभाग की दो गाड़ियां पहुंच गई। अग्निशमन कर्मियों ने ग्रामीणों के सहयोग से शाम चार बजकर पैंतीस मिनट पर आग पर काबू पाया। जब इंजन को दूसरे इंजन से जोड़कर हटाने की तैयारी शुरू हुई तो पता चला कि इंजन में पुन: आग दिखाई दी।। इसके बाद अग्निशमन कर्मी फिर से आग बुझाने में जुट गए। लगभग पौने तीन घंटे बाद पूरी तरह से इंजन की आग को बुझाया जा सका। रेल सूत्रों का कहना है कि शार्ट सर्किट से इंजन में आग लगी है।
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चालक की सतर्कता से बड़ा हादसा टल गया। इंजन में कैसे आग लगी? इसका पता लगाने के लिए इंजन को जांच के लिए भेजा जा रहा है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
-अशोक कुमार, जनसंपर्क अधिकारी, वाराणसी मंडल
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