बार्डर पर सक्रिय हैं यूपी व बिहार के अधिकारी
देवरिया जनपद में आने वाले बिहार के यात्रियों को मैरवा आरबीटी विद्यालय गुठनी व जीरादेई में रखा जा रहा है।
देवरिया: दिल्ली सहित विभिन्न प्रांतों से पलायन कर लोगों का बिहार पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश प्रशासन ने ऐसे लोगों को रोडवेज की बसों से उनके गन्तव्य तक शनिवार को पहुंचवाया। बिहार के सैकड़ों लोगों को रोडवेज की बसों से लार थाना क्षेत्र के मेहरौना चेकपोस्ट पर छोड़ा गया। बिहार में प्रवेश करने वाले लोगों को सीमा से लगे विद्यालयों में रखा जा रहा है।
सैकड़ों की संख्या में लोगों के बार्डर पार कर बिहार पहुंचने की सूचना मिलते ही सिवान प्रशासन गंभीर हो गया। रात को ही गुठनी सीओ राकेश कुमार, थानाध्यक्ष मनोरंजन कुमार, लार थानाध्यक्ष गिरिजेश तिवारी, एसडीएम सलेमपुर संजीव यादव भी पहुंच गए। बार्डर पर ही कुछ लोगों को रोक दिया गया तो कुछ लोगों को आरबीटी विद्यालय गुठनी में रोका गया। रविवार की सुबह भी बड़ी संख्या में लोगों ने यूपी बार्डर पार किया। बिहार प्रशासन ने यूपी से जाने वाले लोगों को रखने के लिए आरबीटी विद्यालय के साथ ही मैरवा व जीरादेई स्थित विद्यालय में व्यवस्था की है। ऐसे लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है तथा भोजन दिया जा रहा है।
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बार्डर पर पहुंचे सिवान व देवरिया के वरिष्ठ अधिकारी
अचानक बार्डर पर मजदूरों के आने के बाद दोनों प्रांतों के अधिकारी गंभीर हो गए हैं। सिवान के एसपी अभिनव कुमार रविवार को बार्डर पर स्थित श्रीकरपुर चेक पोस्ट पर पहुंचे। वहां मजदूरों की जांच कराने के साथ ही भोजन भी उपलब्ध कराया। विधायक कामरेड सत्यदेव भी पहुंचे और लोगों से उनकी समस्या पूछी। दोपहर बाद देवरिया के डीएम अमित किशोर, एसपी डा.श्रीपति मिश्र पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पहुंचे। दोनों प्रांत के अधिकारियों ने कोरोना वायरस पर चर्चा करने के साथ ही मजदूरों के रहने व स्वास्थ्य जांच के बारे में बातचीत भी की।
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पेट के लिए कामगारों का पलायन
अपने बीवी और दो छोटे-छोटे बच्चों के साथ आगरा से आये बिहार के सहरसा निवासी जयशंकर ने कहा कि काम बंद होने के कारण हम भुखमरी के शिकार हो रहे थे। कुछ इसी प्रकार की बातें सीवान के समसुद्दीन, राहुल, जयप्रकाश ने भी बताई। इन्होंने कहा कि दिल्ली में सरकार ने भोजन का कोई प्रबन्ध नहीं किया। रात में बसों में बैठाकर आनन्द बिहार छोड़ दिया। 24 घंटे वहां भूखे प्यासे रहे ,तब जाकर यूपी की सरकारी बस से हम लोगों को यहा उतारा गया।