सीबीआइ की धमक के पहले ही दोषियों पर गिरी गाज
बाहुबली अतीक अहमद द्वारा देवरिया जेल में रियल एस्टेट के कारोबारी की पिटाई का मामला सर्वोच्च न्यायालय में जाने के बाद दोषी जेल अधीक्षक व जेलर पर भी गाज गिर गई। सीबीआइ के आने में अभी समय भले ही लगे लेकिन जेल कर्मियों में सीबीआइ को लेकर भय बना हुआ है।
देवरिया : बाहुबली अतीक अहमद द्वारा देवरिया जेल में रियल एस्टेट के कारोबारी की पिटाई का मामला सर्वोच्च न्यायालय में जाने के बाद दोषी जेल अधीक्षक व जेलर पर भी गाज गिर गई। सीबीआइ के आने में अभी समय भले ही लगे, लेकिन जेल कर्मियों में सीबीआइ को लेकर भय बना हुआ है। सीबीआइ के जेल में पहुंचने के बाद जेल में दफन कई राज खुल कर सामने आ सकते हैं। साथ ही सीबीआइ की जांच के बाद कई और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की गाज गिर सकती है।
26 दिसंबर 2018 को रियल एस्टेट के कारोबारी का न केवल अतीक ने अपहरण कराया, बल्कि जेल में मंगवाकर उसकी पिटाई कराई और उसकी दो कंपनियों पर कब्जा जमा लिया। शासन के निर्देश पर अतीक अहमद को देवरिया जेल से गैर जनपद की जेल में 30 दिसंबर को भेज दिया गया। मामला हाईप्रोफाइल होते ही जिला प्रशासन ने इसकी जांच की और फिर डिप्टी जेलर देवनाथ यादव, जेल कर्मी मुन्ना पांडेय व राकेश शर्मा को निलंबित कर दिया। इसके बाद जेल प्रशासन इसे ठंडा बस्ता में समझ रहा था, लेकिन अचानक सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गई। सीबीआइ के जेल पहुंचने के पहले ही जेल अधीक्षक डीके पांडेय, जेलर मुकेश कटियार के ऊपर भी कार्रवाई की गाज गिर गई। दोनों अधिकारियों पर कार्रवाई होते ही जेल कर्मियों में हड़कंप मच गया है। जेल सूत्रों का कहना है कि जेल में कभी भी सीबीआइ जांच करने पहुंच सकती है। सीबीआइ के जेल में जांच करने के बाद जेल में छिपी कई बातों खुल कर सामने आएगी, जिसके बाद अन्य कर्मियों पर भी गाज गिर सकती है।