बदहाल स्वास्थ्य केंद्र, बेहाल मरीज
देवरिया के सीएचसी जसुई की दशा काफी खराब है। यहां शौचालय पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है।
देवरिया: ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल बेहाल है। क्षेत्र का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) जसुई सांप बिच्छुओं का बसेरा बन गया है। यहां न तो समय से चिकित्सक आते हैं और न ही कर्मचारी। मरीजों के लिए यह अस्पताल बेमतलब साबित हो रहा है। जिम्मेदारों द्वारा ध्यान न देने से यहां की हालत बदतर हुई है।
1992 में इस अस्पताल का उद्घाटन हुआ तो लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिलने की उम्मीद जगी। कुछ दिन अस्पताल ठीक से चला। धीरे-धीरे यहां की स्थिति खराब होती चली गई। अब लाखों रुपये के चिकित्सा उपकरण धूल फांक रहे हैं। परिसर में चारों तरफ झाड़-झंखाड़ उग आए हैं। हैंडपंप खराब है। शौचालय प्रयोग के लायक नहीं है। सीएमओ डा. डीवी शाही ने कहा कि अस्पताल का निरीक्षण कर जो भी अनुपस्थित मिलेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अस्पताल आए धर्मखोर निवासी रतन कुमार, बंगरा बाजार निवासी शिवानी, सोहनपुर निवासी पंकज, बनकटा निवासी मानवेंद्र, टीकमपार निवासी सितारा आदि मरीजों ने बताया कि चिकित्सक के अभाव में फार्मासिस्ट से इलाज करा वापस लौटना पड़ रहा है। अस्पताल से मरीज निराश
पथरदेवा क्षेत्र की सवा लाख की आबादी को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से पांच प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किया गया है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही के चलते लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।
पथरदेवा ब्लाक मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. एके सिंह, डा. योगेश व डा. ज्योति मल्ल व सीएचसी पथरदेवा पर डा. सुनील सिंह, डा. अजय शाही, डा. शशि प्रभा, डा. आरिफ, डा. शारदानंद सरस्वती,डा. राजबहादुर तिवारी तैनात हैं। बंजरिया में पथरदेवा से अटैच डा. राजबहादुर तिवारी तथा रामपुर अवस्थी में डा. विजय शंकर की तैनाती है। चारों स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात चिकित्सक रात्रि विश्राम नहीं करते हैं। ग्रामीण कई बार चिकित्सकों के खिलाफ प्रदर्शन भी कर चुके हैं, लेकिन सुधार नहीं हुआ। सीएमओ डा. डीवी शाही ने कहा कि अस्पतालों को चेक किया जाएगा। लापरवाह चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।