एटीएम से धन निकासी में कटौती से बढ़ेगी ग्राहकों की मुश्किलें
डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए भारतीय स्टेट बैंक ने एटीएम से एक दिन में निकासी की कमी आई है
देवरिया : डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए भारतीय स्टेट बैंक ने एटीएम से एक दिन में निकासी की सीमा को चालीस हजार से घटाकर बीस हजार रुपये कर दिया है। बैंक के इस निर्णय से ग्राहकों की मुश्किलें जहां बढ़ेगी, वहीं शादी कार्यक्रम भी प्रभावित होगा। लोगों को अपनी छोटी जरूरतों को पूरी करने के लिए काफी मुश्किलों से गुजरना पड़ेगा। अब ग्राहक चाहकर कोई कार्य एक दिन में नहीं कर पाएंगे। उनकों कार्य को पूरा करने के पैसा दूसरे दिन निकालना होगा। बैंक के इस निर्णय पर व्यापारियों और बैंक ग्राहकों से जागरण टीम ने बात की तो बैंक के इस निर्णय पर खुलकर अपनी बात रखी।
शहर के रामगुलाम टोला निवासी थोक सीमेंट विक्रेता बनारसी यादव कहते हैं कि बैंक के इस निर्णय से हम लोगों पर कम असर पड़ेगा। चूंकि हम लोग चेक के माध्यम से कारोबार पड़ेगा, लेकिन हम लोग जिन व्यापारियों को सीमेंट बेचते हैं। उनको पैसा देने में दिक्कत आएगी, क्योंकि एसबीआइ ने बीस हजार रुपये निकासी की सीमा तय कर दिया है। लगन में शादी-विवाह पर भी इसका असर पड़ेगा। ग्राम्य विकास विभाग से सेवानिवृत वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सत्येंद्र कुमार श्रीवास्तव कहते हैं कि बड़े व्यवसायियों पर इसका असर नहीं पड़ेगा। छोटे कारोबारी इसका शिकार होंगे। खासतौर से लगन के समय लोगों के सामने समस्या आएगी। अगर किसी व्यक्ति को थोड़ा-थोड़ा सामान कई दुकानों से खरीदना हो तो उस समय भुगतान करने में दिक्कत आएगी। यह संभव नहीं है कि हर दुकानदार स्वाइप मशीन रखा हो। सरौरा निवासी मेडिकल व्यवसायी अशोक कुमार शाही ने कहा कि दुकान में मेल रखने के लिए कई दुकानों से खरीदारी करनी पड़ती है, जिसका भुगतान एटीएम से निकासी करके किया जाता है। छोटे कारोबारी बैंक के इस निर्णय से परेशान रहेंगे। करौंदी बाजार निवासी पशु आहार व्यवसायी आनंद मणि गुप्ता ने कहा कि लगन का समय आ रहा है। ऐसे में निकासी कम नहीं करनी चाहिए। रही बात डिजिटल ट्रांजेक्शन की तो उसके लिए सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों में संसाधन की व्यवस्था करनी चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र में नेटवर्क की समस्या बड़ी है। कई दिनों तक नेटवर्क नहीं रहता है। ऐसे में डिजिटल ट्रांजेक्शन ग्रामीण क्षेत्रों में संभव नहीं है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में संसाधन की व्यवस्था करनी चाहिए। हम जैसे कारोबारियों पर इसका प्रभाव पड़ेगा।
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