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एक सप्ताह गुजरा, मुख्य आरोपित की गिरफ्तारी नहीं

देवरिया: दीपक मणि अपहरण कांड का पुलिस ने भले ही पर्दाफाश कर दिया है, लेकिन अभी तक मु

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 May 2018 12:00 AM (IST)Updated: Thu, 10 May 2018 12:00 AM (IST)
एक सप्ताह गुजरा, मुख्य आरोपित की गिरफ्तारी नहीं
एक सप्ताह गुजरा, मुख्य आरोपित की गिरफ्तारी नहीं

देवरिया: दीपक मणि अपहरण कांड का पुलिस ने भले ही पर्दाफाश कर दिया है, लेकिन अभी तक मुख्य आरोपित जिला पंचायत अध्यक्ष पुलिस के हाथ से एक सप्ताह बाद भी दूर है। हालांकि एसपी के नेतृत्व में पुलिस की चार टीमें लगातार छापेमारी कर रही है, लेकिन पुलिस को अभी तक कोई सुराग हाथ नहीं लग सका है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही मुख्य आरोपित पुलिस के हाथ होगा। उधर मुख्य आरोपित के मोबाइल बंद होने के चलते पुलिस का अचूक हथियार सर्विलांस भी पुलिस का सहयोग करने में सफल नहीं हो पा रहा है।

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देवरिया खास मोहल्ला निवासी दीपक मणि का बीस मार्च को दस करोड़ की जमीन बैनामा कराने के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष रामप्रवेश यादव बबलू ने अपहरण करा लिया। 17 मार्च को दस करोड़ की जमीन का बैनामा की कार्रवाई पूरी कर ली गई। इस बीच दीपक की बहन डा.शालिनी ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय तक की तो पुलिस गंभीर हो गई और छापेमारी कर पुलिस ने दीपक मणि को दो मई को मुक्त कराते हुए चार लोगों को जेल भेज दिया। इस मामले में फरार मुख्य आरोपित जिला पंचायत अध्यक्ष पुलिस के हाथों से दूर है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के स्थिर न रहने के चलते कामयाबी नहीं मिल पा रही है। चार टीमें लगातार छापेमारी कर रही है। पुलिस अधीक्षक रोहन पी. कनय ने कहा कि मुख्य आरोपित की गिरफ्तारी को हमारी टीम लगी है। जल्द ही आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाएगा।

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कई जगहों पर है भू-माफियाओं की नजर

दीपक मणि की कुछ जमीनों पर आज भी लोगों का कब्जा है। मामला पुलिस के संज्ञान में आने के बाद पुलिस एक व्यक्ति से जमीन से अवैध कब्जा खाली कर देने को भी कहा है। हालांकि अभी तक अवैध कब्जा खाली नहीं हो सका है। देवरिया खास निवासी एक व्यक्ति ने बुधवार को पुलिस को तहरीर दी, जिसमें कहा है कि कुछ लोग उसकी जमीन पर जबरिया कब्जा कर लिए हैं, वह दबंग हैं और भू-माफिया हैं। इतना ही नहीं, दबंग लोग अपने को जिला पंचायत अध्यक्ष का रिश्तेदार भी बता रहे हैं। तहरीर मिलने के बाद कोतवाली पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। अभी तक जिन मामलों में कोई प्रार्थना पत्र तक नहीं पड़ा है, ऐसे जमीनों के अवैध कब्जा के मामले में पुलिस अधिकारियों के दरवाजे तक पहुंचने लगा है।


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