चित्रकूट में ट्रेन में दर्द से तड़पती प्रसूता ने जन्मा बच्चा, रोकी गई ट्रेन
मुंबई-हावड़ा रेलमार्ग पर बुधवार देर रात अचानक प्रसव पीड़ा पर प्रसूता को इलाज नहीं मिला। सतना से दर्द से कराहती प्रसूता ने चलती ट्रेन पर ही बच्चे को जन्म दिया।
चित्रकूट, जेएनएन। मुंबई से वाराणसी जा रही महानगरी एक्सप्रेस में एक प्रसूता ने बच्चा जना। सतना में महिला के प्रसव पीड़ा होने के बाद भी कोई चिकित्सा सुविधा न मिलने पर उसने ट्रेन के चित्रकूट पहुंचने से पहले बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद गार्ड की सूचना पर महिला को एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ केंद्र भेजा गया।
मुंबई-हावड़ा रेलमार्ग पर बुधवार देर रात अचानक प्रसव पीड़ा पर प्रसूता को इलाज नहीं मिला। सतना से दर्द से कराहती प्रसूता ने चलती ट्रेन पर ही बच्चे को जन्म दिया। बुधवार को मुंबई से वाराणसी जा रही महानगरी एक्सप्रेस के स्लीपर कोच एस-11 पर लाढ़ घाट, जीवनपुर आजमगढ़ निवासी अर्जुन गुप्ता अपनी गर्भवती पत्नी 22 वर्षीय सुधा गुप्ता के साथ सफर कर रहे थे। मध्यप्रदेश के कटनी से सतना के बीच अचानक सुधा को प्रसव पीड़ा होने लगी। सतना रेलवे स्टेशन पर स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिली और ट्रेन आगे बढ़ गई।चित्रकूट के मानिकपुर जंक्शन तक करीब 72 किलोमीटर प्रसूता तड़पती रही। जंक्शन पहुंचने से पहले ही चलती ट्रेन में सहयात्री महिलाओं की मदद से प्रसूता ने बच्चे को जन्म दिया।
गार्ड की सूचना पर बुधवार रात 9.12 बजे मानिकपुर में ट्रेन रोक कर एंबुलेंस से प्रसूता को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। जंक्शन प्रबंधक आंचल पांडेय ने बताया कि जीआरपी व आरपीएफ की मौजूदगी में इलाज कराया गया। जच्चा-बच्चा दोनों ठीक हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक डा राजेश सिंह ने बताया कि चलती ट्रेन में प्रसव व तत्काल इलाज नहीं मिलने से प्रसूता में खून की कमी व बच्चे का वजन कम होने के कारण जिला अस्पताल रेफर किया गया है। दोनों की हालत खतरे से बाहर है। इस प्रकरण के कारण मानिकपुर जंक्शन पर ट्रेन को बुधवार रात 9.12 से 9.45 बजे तक रोकना पड़ा।