दो दिन की बारिश में ही विकास भवन पानी-पानी
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : करीब 6.50 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन विकास भवन के गुण्
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : करीब 6.50 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन विकास भवन के गुणवत्ता की पोल दो दिन की बारिश ने खोल दिया है। पूरे विकास भवन की छत टपक रही है। जिससे विभागीय दस्तावेजों के भींगने का संकट खड़ा हो गया है। यदि ध्यान नहीं दिया गया तो विकास भवन में इलेक्ट्रानिक उपकरणों को भी भारी नुकसान हो सका है।
बता दें कि जनपद बनने के 13 साल बाद 6 फरवरी 2011 को विकास भवन की नींव रखी गई थी लेकिन अभी तक विकास भवन पूरी तरह बन कर तैयार हो नहीं हो सका है। 6.50 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे विकास भवन में अभी सिर्फ भूतल और प्रथम तल का निर्माण हुआ है अब निर्माणदायी संस्था ने इस भवन का रिवाईज स्टीमेट करीब साढ़े 11 करोड़ रुपये का बनाया है। जबकि सिर्फ दूसरे तल का काम शेष है। इतनी भारी लागत से बन रहे विकास भवन की गुणवत्ता पर सवाल खड़े होने लगे हैं। रविवार और सोमवार की रात हुई बारिश से पूरे विकास भवन की छत टपक रही है। अधूरे विकास भवन में मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय सहित ग्राम्य विकास विभाग, मनरेगा, जिला पंचायत राज विभाग, समाज कल्याण विभाग, बचत विभाग व अर्थ संख्यिकी विभाग आदि के कार्यालय पहुंच गए हैं। बारिश में इन विभागों के दस्तावेज खराब होने का डर है।
मंगलवार को देखा गया कि कई विभाग में टपक रही छत का पानी भरा था। जिसको कर्मचारी बाल्टी और मग के उलीच कर बाहर कर रहे थे। साथ ही फर्श में पानी भरने से लोहे की अलमारी में जंग लगने और नीचे रखे दस्तावेज भींगने की संभावना बढ़ गई है। निर्माणदायी संस्था सीएनडीएस के परियोजना प्रबंधक लक्ष्मीकांत तिवारी ने कहा कि ऊपरी तल का निर्माण शेष है, छत का ट्रीटमेंट नहीं कराया गया है जिससे वह टपक रही है, निर्माण की गुणवत्ता कहीं से खराब नहीं है।