सावधान रहकर जीवन में बढ़ें आगे
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : जगद्गगुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय में शिक्षा संकाय के सं
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : जगद्गगुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय में शिक्षा संकाय के संयोजन में आयोजित भारतीय शिक्षा के व्याख्यान में मुख्य वक्ता आजीवन कुलाधिपति जगद्गगुरु रामभद्राचार्य महाराज ने पांचवें दिन अष्टावक्र सभागार में शिक्षकों, छात्र व छात्राओं को संबोधित किया। कहा कि भारतीय शिक्षा में पाठ्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण है। उठो, जग जाओ, सुबह गुरुओं के चरण में बैठकर देखा कि मुझे क्या करना है। सावधान रहकर जीवन में आगे बढ़ो। जरा सी चूक से जीवन कठिन हो जाता है। व्यवस्था में दुरुपयोगवाद नहीं होना चाहिए। पाठ्यक्रम में क्या अंश रखें जाएं। बाल्मीक ने कहा था कि मैं भी भारतीयों के शिक्षा के पाठ्यक्रम का निर्धारण करूंगा। भारतीय शिक्षा को छात्रों के अनुकूल बनाया जाए। शिक्षक कभी उदासीन नहीं हो सकता है। शिक्षक की उदासीनता से छात्रों में पाठ्यक्रम के लिए जागरूकता नहीं आती हैं। भारतीय शिक्षा हमेशा समाज के लिए चार वेद, चार उपवेद, वेद के छह अंग, अठारह पुराण सहित कुल 50 प्रकार के ग्रंथ हैं। रामायण और महाभारत इन्हीं 52 ग्रंथों को जोड़ कर छात्रों को विराट बना सकते हैं। भगवान राम भी कौशल्या के सामने प्रकट हुए और भगवान कृष्ण प्रकटे। इस अवसर पर कुलपति प्रो योगेश चंद्र दुबे, कुलसचिव प्रो जीपी दुबे , वित्त अधिकारी रमा पति मिश्र, लेखाधिकारी एनबी गोयल, डीन प्रो शिवराज ¨सह सेंगर, डा महेंद्र कुमार उपाध्याय, पीआरओ एसपी मिश्र, डा मनोज पांडेय, डा जयोति, विश्वविद्यालय के सभी विभागों के शिक्षकों समेत अन्य रहे। संचालन शिक्षा विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर विशेष दुबे ने किया।