एक साथ दुनिया छोड़ गए जिगरी दोस्त
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : कर्वी मुख्यालय से सटे शोभा ¨सह का पुरवा गांव के तीन दोस्त पैदा ह
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : कर्वी मुख्यालय से सटे शोभा ¨सह का पुरवा गांव के तीन दोस्त पैदा होने के बाद से साथ जिए और मरे भी तो एक साथ। तीनों पढ़ाई के बाद टेंपो चलाने में माहिर होने के कारण हमेशा साथ रहते थे। शुक्रवार को सभी गांव से बाहर एक साथ निकले लेकिन फिर लौटकर उनके शव आए। इससे गांव में सन्नाटा पसर गया। हर तरफ चीख-पुकार सुनाई पड़ी।
ग्रामीणों के मुताबिक तिलक यादव, संदीप और रवि के बीच पढ़ाई के दौरान से ही गहरी दोस्ती थी। कक्षा 11 तक पढ़ाई के बाद तिलक टेंपो चलाने लगा। संदीप की कक्षा पांच के बाद पढ़ाई छूट गई थी और रवि कक्षा आठ तक पढ़ा था। तिलक के पास निजी टेंपो होने के कारण तीनों दोस्त उस पर एक साथ बाहर आने-जाने लगे। धीरे-धीरे वह लोग भी टेंपो चलाना सीख गए। इसके बाद गांव या आसपास में किसी का भाड़ा मिलने पर एक साथ ही जाने लगे। शुक्रवार को गांव के शिवाकांत ओझा की बु¨कग पर जाने के दौरान हादसा हो गया। बीज लेकर जाते समय हादसा, खींच लाई मौत
शिवा कांत ओझा का मूल गांव बांदा जिले के अतर्रा थानांतर्गत चौसड़ बल्लान में था। वह गांव में खेतों की बोआई के लिए गेहूं का बीज लेकर तिलक के साथ जा रहा था। तभी उसके दोनों दोस्त रवि व संदीप भी साथ हो लिए। हादसे के बाद ग्रामीणों की जुबान पर एक ही शब्द था कि उन दोनों को मौत खींच ले गई। हमेशा साथ में रहने वाले मौत की नींद भी साथ सो गए।