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लेटर वार पर हुई कार्रवाई, तीन कैदी जाएंगे दूसरी जेल

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : जिला जेल में लगातार लेटर वार की कार्रवाई अब तीन बंदियों पर गि

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Oct 2018 10:07 PM (IST)Updated: Thu, 25 Oct 2018 10:07 PM (IST)
लेटर वार पर हुई कार्रवाई, तीन कैदी जाएंगे दूसरी जेल
लेटर वार पर हुई कार्रवाई, तीन कैदी जाएंगे दूसरी जेल

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : जिला जेल में लगातार लेटर वार की कार्रवाई अब तीन बंदियों पर गिरेगी। उनको दूसरी जेलों में भेजने के लिए डीएम से अनुमति मांगी गई है। बांदा जेल में बंद रहे अखिलेश उर्फ कुमकुम पर पत्र भेजकर ऐसी शिकायतें करने के आरोप पहले भी लग चुके हैं। इसलिए कार्रवाई तय है। उधर, अंतरिम जांच में जेल अधीक्षक ने डिप्टी जेलर को क्लीन चिट दे दी है। इससे जेल प्रकरण का पटाक्षेप होना तय है।

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बता दें कि जिला कारागार चित्रकूट में बंदी अखिलेश उपाध्याय उर्फ कुमकुम ने सबसे पहले पत्र भेजकर डकैत राम गोपाल यादव गोप्पा की मदद से डिप्टी जेलर केपी यादव पर अवैध ढंग से वसूली का आरोप लगाया था। उसके दूसरे दिन गोप्पा की तरफ से चिट्ठी में अखिलेश व उसके बीच रंजिश का हवाला देता पत्र आया। उसमें डिप्टी जेलर को पाक-साफ बताया गया था। इसके बाद जेल अधीक्षक श्रीप्रकाश त्रिपाठी ने जांच शुरू की। जेल सूत्रों के अनुसार उन्होंने डीएम को भेजी जांच रिपोर्ट में डिप्टी जेलर केपी यादव को क्लीन चिट दी है। साथ में जेल में बंद अखिलेश उर्फ कुमकुम, भानु प्रकाश और एक अन्य बंदी को मामले का दोषी बताते हुए दूसरी जेलों में स्थानांतरित करने की अपील की है। इसके बाद अनुमति भी मांगी गई है। उधर, गुरुवार को जिला जेल में बंद तीन दर्जन से अधिक दूसरे कैदियों व बंदियों ने एक अधिवक्ता के माध्यम से फिर पत्र भेजा है। जिला जज, डीएम व एसपी को भेजे पत्र में डिप्टी जेलर को अनुशासित व ईमानदार बताया गया है। शातिर बंदियों पर मनमर्जी करने के लिए दबाव बनाने को लेकर आरोप लगाने की बात कही गई है। प्रभारी जेल अधीक्षक श्रीप्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि बेवजह जेल को बदनाम करने वाले बंदियों व कैदियों के साथ कर्मियों पर नजर है। कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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गणना के लिए नींद से उठाने पर लिखी चिट्ठी

गुरुवार को भेजी गई तीसरी चिट्ठी में बंदियों ने कहा है कि डिप्टी जेलर ने बंदी गणना के दौरान अखिलेश को नींद से उठाने के लिए दूसरे बंदी को भेज दिया। इसलिए वह नाराज हो गया। उसने झूठी शिकायत कर दी। अक्सर चक्र गिनती के दौरान वह नदारद हो जाता है। बंदियों ने खुद को गवाह बनाकर बयान दर्ज कराने का हवाला भी दिया है।


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