प्रत्याशी की पाई-पाई खर्च पर रहेगी आयोग की निगाह
जागरण संवाददाता चित्रकूट विधान सभा चुनाव प्रचार के दौरान इस्तेमाल होने वाली साइकिल से लेकर
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : विधान सभा चुनाव प्रचार के दौरान इस्तेमाल होने वाली साइकिल से लेकर इनोवा, दरी से लेकर टेंट और कमरों, कुर्सी से लेकर सोफा, चाय-नाश्ता से लेकर भोजन, बल्ब से लेकर जनरेटर, पंपलेट से लेकर होर्डिंग, आनलाइन से आफलाइन और माला-फूल लेकर टोपी-बिल्ला तक के पाई-पाई का हिसाब प्रत्याशियों को देना होगा। निर्वाचन आयोग ने ऐसे करीब एक सैकड़ा वस्तुओं की रेट लिस्ट बना रहा है जो प्रत्याशी चुनाव के दौरान प्रयोग कर सकते हैं। प्रत्याशियों के हिसाब के लिए जिला कोषागार कार्यालय में कंट्रोल रूम भी बनाया गया है।
जिले में पांचवें चरण में 27 फरवरी को मतदान है। पहली फरवरी से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। जिला प्रशासन ने प्रत्याशियों के खर्चे पर लगाम लगाते हुए सभी वस्तुओं के दाम तय कर दिए हैं। इस बार प्रत्याशियों के खर्च की सीमा बढ़ा दी गई है। एक प्रत्याशी 40 लाख रुपये तक खर्च कर सकता है लेकिन शर्त है कि इस राशि को डिजिटल रूप में खर्च करेगा। वह सिर्फ 10 हजार रुपये ही नकद किसी एक व्यक्ति या फर्म के पक्ष में खर्च कर सकता है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में खर्च सीमा 28 लाख रुपये थी। बढ़ती महंगाई को देखते हुए खर्च की सीमा बढ़ाई गई। डीएम शुभ्रांत कुमार शुक्ल ने बताया कि चुनाव में करीब सौ तरह की सामग्री का इस्तेमाल होना है। जिनका बाजार भाव को देखते हुए रेट तय किया जा रहा है। प्रत्याशी को इसी रेट के अनुसार चुनाव खर्च का हिसाब देना होगा। चुनाव खर्चे की निगरानी के लिए उड़नदस्ता गठित किया गया है। इसके अलावा कोषागार में कंट्रोल रूम भी बना जा रहा है। कोई प्रत्याशी निर्धारित सीमा से अधिक खर्च करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जनपद के बाजार के मूल्य के आधार पर चाय, समोसा व भोजन समेत क्वालिस, सफारी जैसी गाड़ियों का एक दिन किराया, टेंट हाउस, फर्नीचर, जनरेटर, माइक, प्रकाश, प्रिटिग व छपाई, सांस्कृतिक कार्यक्रम, गेस्ट हाउस, होटल के लिए भी किराये की दर तय की जा रही है। जो नाम वापसी के बाद अंतिम उम्मीदवारों को दी जाएगी।