टैक्स मध्यप्रदेश को, दुश्वारियां यूपी में
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : प्रभु श्रीराम की तपोभूमि में मंदाकिनी नदी के रामघाट पर नौकायन
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : प्रभु श्रीराम की तपोभूमि में मंदाकिनी नदी के रामघाट पर नौकायन के लिए करीब ढाई सौ नावें चलती हैं। यह यूपी के चित्रकूट क्षेत्र में खड़ी होती हैं लेकिन टैक्स मध्यप्रदेश क्षेत्र की नया गांव चित्रकूट नगर पंचायत को देती हैं। इससे श्रद्धालुओं को नहाने में दिक्कतों के साथ गंदगी से जूझना पड़ता है। नाविक मनमानी वसूली करते हैं। यह प्रत्येक स्नान पर समस्या के तौर पर सामने आता है लेकिन इसका कोई हल नहीं निकाला जा सका है। अब मकर संक्रांति व कुंभ पर फिर समस्याएं पेश आना तय है।
कुंभ को लेकर बढ़ी नावें, बढ़ रहा प्रदूषण
वैसे तो रामघाट में हमेशा नाविकों का डेरा रहता है। उनकी नाव पूरे घाट में लगी रहती हैं। इनमें देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं को मंदाकिनी की सैर करने का मौका मिलता है पर स्नान में बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है। कुंभ के दौरान नावों की संख्या बढ़ी है। इससे घाट पर जगह नहीं बची है। उधर, घाट पर नावों के खड़े रहने के कारण सीढि़यों तक गंदगी से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इनसे टैक्स मिलने लगे तो यह रकम सफाई में लगाई जा सकती है।
यात्रियों से होती तकरार
यूपी क्षेत्र में कब्जा करने वाली नावें नया गांव चित्रकूट में रजिस्ट्रेशन कराए हैं। वहां पर टैक्स के तौर पर सौ रुपये जमा होते हैं। यह यात्रियों से चार से छह सौ रुपये तक वसूल लेते हैं। इससे अक्सर नोकझोंक भी होती है। इन नाविकों पर कोई नियंत्रण भी नहीं है।
आंकड़ों की नजर में
कुल नाव संख्या : 250
पंजीयन : 175
टैक्स वसूली : 100 रुपये प्रत्येक
प्रतिदिन श्रद्धालु सैर नौकायन करते : दो से तीन हजार।
''रामघाट क्षेत्र में नाव खड़ी करने को लेकर जांच कराई जाएगी। नाविकों से पंजीयन कराने की अपील करेंगे ताकि व्यवस्थाएं बेहतर हो सकें। मनमर्जी वसूली करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। -नरेंद्र मोहन मिश्र, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद चित्रकूटधाम कर्वी।