नीबी में छह गायों की मौत, जगह-जगह बीमार
संवाद सहयोगी मऊ (चित्रकूट) नीबी गांव में अस्थायी पशु आश्रय केंद्र पर बदइंतजामी व जिम्मेदारों
संवाद सहयोगी, मऊ (चित्रकूट) : नीबी गांव में अस्थायी पशु आश्रय केंद्र पर बदइंतजामी व जिम्मेदारों की अनदेखी की वजह से रविवार को आधा दर्जन गायों की मौत हो गई। उधर, कर्वी मंदाकिनी पुल समेत दूसरी जगहों पर दर्जनों गाय व अन्ना पशु बीमार हैं। डीएम के आदेश पर क्षेत्रीय एसडीएम व बीडीओ के पहुंचने से प्रधानों व सचिवों में खलबली मच गई। सभी जगह जांच रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
नीबी गांव में अस्थायी पशु आश्रय केंद्र पर आंकड़ों में 200 अन्ना पशु व गाय बंद हैं। ग्रामीणों के मुताबिक एक माह के अंदर यहां पर कई जानवर मर चुके हैं। रविवार को भूख-प्यास से बेहाल होकर छह गायों की मौत हो गई। गायों को पास में मिट्टी में दबाने के कारण बदबू से जीना मुहाल है। गांव से सौ मीटर दूर स्थित पशु आश्रय केंद्र के पास से ग्रामीणों को परेशानी होती है। जानकारी पाकर एसडीएम मऊ रमेशचंद्र यादव केंद्र पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि पांच मार्च को मुख्य विकास अधिकारी ने मऊ ब्लॉक की 11 गोशालाओं के लिए तीन लाख 18 हजार रुपये जारी किए हैं। अनदेखी के पीछे प्रधान व सचिव की लापरवाही है। जांच में दोषी मिलने पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। गायों के पोस्टमार्टम से हकीकत सामने आएगी।
उधर, कर्वी स्थित मंदाकिनी पुल के पास पशु आश्रय केंद्र पर भी रविवार को आधा दर्जन गाय बीमार दिखीं। सांड़ों के हमले से समस्या हुई है। इसी तरह दूसरे पशु आश्रय केंद्रों पर भी गाय बीमार होने की बातें सामने आ चुकी हैं। डीएम विशाख जी. ने कहा कि मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को बीमार गायों का इलाज करने के निर्देश दिए हैं।
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30 रुपये में कैसे भरे पेट
अन्ना पशु आश्रय केंद्रों पर प्रत्येक जानवर के लिए 30 रुपये प्रतिदिन दिए जाने का फरमान शासन से आया है। आठ से दस किलो भूसा प्रतिदिन औसतन एक जानवर को चाहिए। ऐसे में छह सौ रुपये प्रति क्विटल कीमत वाले भूसे की सिर्फ पांच क्विटल खरीद हो सकती है। इसमें भी अनदेखी की जा रही है। ऐसे में जानवरों की भूख कैसे मिटेगी, यह सोचनीय है।