मंदाकिनी व भरतकूप का जल लेकर अयोध्या रवाना हुए संत
जागरण संवाददाता चित्रकूट अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बनने जा रहा है। उनकी तपोभूमि इ
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बनने जा रहा है। उनकी तपोभूमि इससे पुलकित है। संत-महंत से लेकर आमजन उत्साह से भरा है। ऐसे में मंदिर निर्माण के लिए तपोभूमि की रज, मंदाकिनी व भरतकूप का जल लेकर संतगण अयोध्या रवाना हो गए हैं।
वनवास काल के दौरान प्रभु श्रीराम ने सीता व लक्ष्मण के साथ चित्रकूट में साढ़े ग्यारह वर्ष बिताए थे। यहां के कण-कण से उनकी यादें जुड़ी हैं। अब जब राममंदिर का बहुप्रतीक्षित निर्माण शुरू होने जा रहा है तो संतों की इच्छा है कि तपोभूमि की भी इस मंदिर में महती भूमिका हो। इसलिए गुरुवार को संतों, जनप्रतिनिधियों व समाजसेवियों ने पहले रामघाट पर पूजा अर्चना की। इसके बाद सती अनुसुइया के तपोबल से निकली पतित पावनी मंदाकिनी और भरतकूप का जल कलश में भरा। फिर मनोकामनाओं के पूरक कामदगिरि पर्वत की रज (मिट्टी) को कलश में रखकर अयोध्या के लिए रवाना हुए।
चित्रकूट संत समाज के कार्यकारी अध्यक्ष भरत मंदिर महंत दिव्यजीवनदास ने कहा कि भगवान श्रीराम ने साढ़े ग्यारह वर्ष चित्रकूट में बिताए थे, इसलिए करोड़ों श्रद्धालुओं के हृदय में जन्मभूमि अयोध्या की भांति चित्रकूट के प्रति गहरी आस्था है। उन्होंने कामदगिरि पर निवास कर इस पर्वत को मनोकामनाओं के पूरक सिद्ध होने का वरदान दिया था। मंदकिनी, पयश्वनी, राघव प्रयाग, भरतकूप का जल व कामदगिरि व बाल्मीकि आश्रम की रज कलश में भराकर वाल्मीकि आश्रम के महंत भरतदास, महंत महेंद्रदास, महंत रामजन्मदास, निर्माही अखाड़ा के दीनदयाल दास, भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्र प्रकाश खरे, जगदीश गौतम, शिवरामदास आदि अयोध्या रवाना हुए।
रामघाट में कामदगिरि प्रमुख द्वार के अधिकारी मदनगोपाल दास, डीआरआइ के संगठन सचिव अभय महाजन, रामायणी कुटी महंत रामहृदय दास, श्रीतुलसी पीठ के युवराज आचार्य रामचंद्र दास, राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय, सांसद आरके सिंह पटेल, पूर्व सांसद भैरों प्रसाद मिश्रा, पालिका चेयरमैन नरेंद्र गुप्ता, शक्ति प्रताप सिंह व श्रीमंदाकिनी सेवा ट्रस्ट के अश्वनी अवस्थी आदि इस मौके पर मौजूद रहे।